प्रयागराज : जनपद निवासी हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी मोहम्मद तालिब को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बेघर कर दिया है. पीडीए की टीम ने तालिब के घर का सारा सामान घर से बाहर निकाल कर उसके घर पर ताला लगा दिया. इसके बाद से पिछले 5 दिनों से तालिब अपने बूढ़े मां-बाप और छोटे भाई-बहनों के साथ फुटपाथ पर ही रहने को मजबूर हैं. सिर से छत छीन जाने के बाद हॉकी प्लेयर अपनी ट्रॉफी, मेडल और राष्ट्रीय स्तर के प्रमाणपत्रों को लेकर सड़क किनारे बैठकर अपनी गरीबी का हवाला देते हुए पीएम और सीएम से घर वापस दिलाने की गुहार लगा रहा है.
राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी हुआ बेघर
मोहम्मद तालिब प्रयागराज के अटाला इलाके का रहने वाला है. मजिदिया इस्लामिया इंटर कॉलेज ग्राउंड पर उसने बचपन से हॉकी की बारीकियों को सीखा. इसके बाद धीरे-धीरे हॉकी में उसका जादू चलने लगा. उसका चयन मध्य प्रदेश और पंजाब की हॉकी टीम में हो गया. फिलहाल वह यूपी हॉकी टीम का खिलाड़ी है. शुरुआत में स्कूल गेम फेडरेशन 2014, 2015, 2016 खेला. 2015 में सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप दिल्ली, सीनियर नेशनल चैंपियनशिप 2017, जूनियर नेशनल चैंपियनशिप भोपाल 2018, सीनियर नेशनल चैंपियनशिप लखनऊ 2018 खेलों में हिस्सा ले चुके हैं. फिलहाल तालिब बंगाल में चल रहे लीग मैच में कस्टम की टीम की तरफ से खेल रहे थे. बीच में ही मैच छोड़कर अपनी छत बचाने आ चुके हैं. आगे चलकर वो देश के लिए खेलने की तैयारी कर रहा है. ऐसे वक्त में उसकी छत छिन जाएगी, तो उसका भविष्य खराब होने के साथ ही खेल भी खराब हो सकता है.
परिवार संग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर
दरअसल, तालिब का परिवार पिछले 45 सालों से पीडीए की कॉर्पोरेशन कॉलोनी में रहते हैं. यहां पर ग्राउंड फ्लोर पर ही तालिब का दो कमरे वाला फ्लैट है. पीडीए द्वारा आवंटित किए गए घर में तालिब और उसका परिवार सालों से रह रहे थे. इस दौरान 2009 में उनके पिता शाह आलम ने आवंटन राशि करीब सवा लाख रुपये जमा की थी, जिसमें पीडीए के अनुसार, दूसरी किश्त 16 दिन लेट जमा की गई थी. इस वजह से 2014 में आवंटन राशि समय से न जमा करने के बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने तालिब के घर का आवंटन निरस्त कर दिया था. इसके बाद तालिब के परिवार वालों ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत करने के साथ ही हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें कहीं से राहत नहीं मिली. पिछले 7 सालों से आवंटन निरस्त होने के बावजूद तालिब और उसका परिवार उसी घर में रह रहे थे. 18 मार्च को पीडीए की टीम पुलिस फोर्स के साथ तालिब के घर पहुंची और घर में रखा सारा सामान मजदूरों की मदद से बाहर निकलवा दिया. इसके बाद घर में ताला लगा दिया गया. अब तालिब और उनका पूरा परिवार घर के बाहर फुटपाथ पर रहने को मजबूर है.
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परिवार सरकार से मदद की लगा रहा है गुहार
तालिब का परिवार सड़क पर ही रहते हुए घर बचाने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से गुहार लगा रहा है. तालिब के माता-पिता और भाई-बहन अपने घर के बाहर रखे हुए सामान के साथ बैठे हुए हैं, जबकि तालिब प्रयागराज विकास प्राधिकरण और अफसरों का चक्कर काट रहा है. तालिब के साथ उसके हॉकी कोच भी अफसरों के दरवाजे पर जाकर गिड़गिड़ा रहे हैं कि तालिब को उसके घर में रहने दिया जाए. पीडीए के अफसरों का साफ कहना है कि अब उनकी तरफ से कोई राहत नहीं दी जा सकती है.
मायूस तालिब पीडीए के बाहर सड़क पर ट्रॉफी, मेडल लेकर बैठा
पीडीए के चक्कर काटते-काटते थक चुके तालिब ऑफिस के मेन गेट के बाहर ही अपनी ट्रॉफियां और प्रमाणपत्र सड़क पर रखकर गले में मेडल पहन कर बैठ जाता है. इस दौरान उधर से गुजरने वाले राहगीरों की भीड़ धीरे-धीरे वहां जुटने लगती है. सभी यह देखकर हैरान हो जाते हैं कि किस तरह से एक हॉकी प्लेयर अपने हॉकी और ट्रॉफी को लेकर सड़क पर बैठा हुआ है. तालिब का कहना है कि एक तरफ जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तरफ से गरीबों को छत दी जा रही है, वहीं गरीबी की वजह से उसकी छत छीन ली गई है. तालिब का कहना है कि वह देश के लिए खेलकर देश का नाम रोशन करना चाहता है, लेकिन अब उसके और उसके खेल के बीच उसकी गरीबी दीवार बनकर खड़ी हो गई है.
पीडीए मांग रहा इतने रुपये
पंखे की रिपेयरिंग करके घर को चलाने वाले उसके पिता के पास इतनी रकम नहीं है कि वह 21 लाख 12 हजार 170 रुपये पीडीए को दे सकें. आर्थिक तंगी की वजह से उनका परिवार आज सड़क पर आ चुका है. अब सरकार से गुहार लगाने और लोगों से मदद लेने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. परिवार का यह भी कहना है कि पीडीए 2014 के मुताबिक 5 लाख रुपया लेकर घर का आवंटन कर दे तो भी उनके लिए राहत की बात होगी, लेकिन पीडीए के अफसर अब इस मामले में हॉकी प्लेयर के परिवार को किसी भी तरह की राहत देने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. अफसरों का सीधा कहना है कि पुनर्स्थापन करवाते हुए वर्तमान दर से भुगतान करके घर की रजिस्ट्री करवा लें, वरना ये आखिरी अवसर भी तालिब के परिवार से छीन जाएगा.
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अफसरों ने कहा : नियमानुसार की गई कार्रवाई
इस मामले में पीडीए के अफसरों का कहना है कि तालिब के परिवार के नाम पर यह घर आवंटित हुआ था. उनके घर वालों ने आवंटन राशि नहीं जमा की. उसके बावजूद कई बार उन्हें मौका देने के साथ ही चेतावनी भी दी गई, लेकिन रुपये जमा करने की जगह तालिब का परिवार कोर्ट पहुंच गया था और कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. 2014 में तालिब के परिवार का इस घर के नाम हुआ आवंटन निरस्त कर दिया गया था. उसके बावजूद इस परिवार को 6 सालों तक घर में रहने दिया गया. बार-बार चेतावनी देने के बावजूद भी जब घर वालों ने घर से अपना कब्जा नहीं हटाया तो पीडीए की टीम ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए घर को खाली करवा लिया है.
अब सिर्फ एक अवसर है
पीडीए के अफसरों का यह भी कहना है कि तालिब के परिवार के पास अब सिर्फ एक अवसर है कि वह वर्तमान दर से उस घर की कीमत अदा कर दें तो घर उनको फिर से आवंटित हो सकता है.