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राम मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक मदद करेंगे असम के मुस्लिम संगठन: सैयद मुमीनुल ओवाल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेला में स्वामी अधोकक्षानन्द के शिविर में साधु संतों की भेंटवार्ता हुई. इस दौरान असम राज्य के राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद मुमीनुल ओवाल ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता करने की घोषणा की.

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सैयद मुमीनुल ओवाल
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Published : Feb 2, 2020, 9:48 PM IST

प्रयागराज: असम राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद मुमीनुल ओवाल ने कहा है कि असम राज्य के मुस्लिम संगठन अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद करेंगे. यह जानकारी उन्होंने प्रयागराज माघ मेला में आगमन के दौरान स्वामी अधोकक्षानन्द के शिविर में हुई साधु संतों की भेंटवार्ता के दौरान दी. इस दौरान उन्होंने साधु-संतों और डंडी स्वामियों को भोजन भी कराया.

सैयद मुमीनुल ओवाल ने दी जानकारी.

उन्होंने बताया कि जिस तरह से असम के लोग अपने को असमिया कहते हैं. उसी तरह हिंदुस्तान का हर नागरिक हिंदू है. हमारा मजहब इस्लाम है, लेकिन हिंदुस्तान का नागरिक होने के नाते हम अपने को बड़े गर्व से हिंदू कहते हैं. नागरिकता संशोधन कानून के सवाल पर उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून, नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए है.

इसे भी पढ़ें- रणजीत बच्चन ने की थी दो शादियां, 2017 में करीबी रिश्तेदार ने दर्ज कराया था रेप का मुकदमा

सैयद मुमीनुल ओवाल ने कहा कि कई बाहरी शक्तियां मुस्लिमों को बहका रही हैं. इसमें पीएफआई देश में अशांति फैलाने का काम कर रहा है. हिंदुस्तान हमारा देश है, हम यहीं जन्मे हैं और यहीं रहेंगे. ऐसे में हमें अपने देश के हित में सोचना चाहिए, न कि दूसरे के बहकावे में आना चाहिए. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने 5 लाख रुपये का सहयोग करने की घोषणा की है.

प्रयागराज: असम राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद मुमीनुल ओवाल ने कहा है कि असम राज्य के मुस्लिम संगठन अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद करेंगे. यह जानकारी उन्होंने प्रयागराज माघ मेला में आगमन के दौरान स्वामी अधोकक्षानन्द के शिविर में हुई साधु संतों की भेंटवार्ता के दौरान दी. इस दौरान उन्होंने साधु-संतों और डंडी स्वामियों को भोजन भी कराया.

सैयद मुमीनुल ओवाल ने दी जानकारी.

उन्होंने बताया कि जिस तरह से असम के लोग अपने को असमिया कहते हैं. उसी तरह हिंदुस्तान का हर नागरिक हिंदू है. हमारा मजहब इस्लाम है, लेकिन हिंदुस्तान का नागरिक होने के नाते हम अपने को बड़े गर्व से हिंदू कहते हैं. नागरिकता संशोधन कानून के सवाल पर उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून, नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए है.

इसे भी पढ़ें- रणजीत बच्चन ने की थी दो शादियां, 2017 में करीबी रिश्तेदार ने दर्ज कराया था रेप का मुकदमा

सैयद मुमीनुल ओवाल ने कहा कि कई बाहरी शक्तियां मुस्लिमों को बहका रही हैं. इसमें पीएफआई देश में अशांति फैलाने का काम कर रहा है. हिंदुस्तान हमारा देश है, हम यहीं जन्मे हैं और यहीं रहेंगे. ऐसे में हमें अपने देश के हित में सोचना चाहिए, न कि दूसरे के बहकावे में आना चाहिए. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने 5 लाख रुपये का सहयोग करने की घोषणा की है.

Intro:असम राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद मुमिनुल ओवाल ने कहा है असम राज्य के मुस्लिम संगठन अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए पांच लाख रुपये कि आर्थिक मदद करेगा। यह जानकारी उन्होंने प्रयागराज माघ मेला में आगमन के दौरान स्वामी अधोकक्षानन्द के शिविर में हुई साधु संतों की भेंटवार्ता के दौरान बताई। इस दौरान उन्होंने यहाँ पर साधुसंतों व डंडी स्वामियों को भोजन भी कराया।


Body:उन्होंने मीडिया से हुई बात चीत के दौरान बताया कि जिस तरह से असम खेलो अपने को असम या कहते हैं उसी तरह हिंदुस्तान का रहने वाला हर नागरिक हिंदू है हमारा मजहब इस्लाम है लेकिन हिंदुस्तान का नागरिक होने के नाते हम अपने को बड़े गर्व से हिंदू कहते हैं नागरी संशोधन कानून के सवाल पर वालों ने कहा यह ना गीता कानून नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए कई बाहरी शक्तियां मुस्लिमों को बहका रही हैं हिंदुस्तान हमारा देश है हम यही जन्मे हैं और यही रहेंगे ऐसे में हमें अपने देश के हित में सोचना चाहिए न कि दूसरे के बहकावे में आना चाहिए उन्होंने योद्धा मामले में उच्च न्यायालय के फैसले को इतिहासिक बताते हुए असम के इक्कीस मुस्लिम संगठनों के परिषद जो मैं गोसिया समय परिषद जेएसपीए के अध्यक्ष के तौर पर मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख पैसे सहयोग की घोषणा की है।


Conclusion:परिषद ने देश की एकता के प्रति मुस्लिमों की एकजुटता दिखाने और राम मंदिर निर्माण के प्रति हिंदुओं की अगाध आस्था को देखते हुए यह फैसला किया है सीने पर देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के पीछे बाहरी शक्तियों के हाथ होने की बात कही उन्होंने कहा कि दूसरे मुल्क पी एफ आई के जरिए देश का सुख चैन छीन ना चाहते हैं उन्हें भारत खुशहाली नहीं देखी जा रही है इसलिए लोगों को बहकाकर देश भर में यह भ्रम फैलाया गया है।


बाइट सैयद मुमीनुल वाल अध्यक्ष असम राज्य अल्पसंख्यक आयोग
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