प्रयागराजः नदियों में शवों को मिलने के बाद अब गंगा नदी के किनारे बड़ी संख्या में दफना गए शव की भयावह तस्वीर सामने आई है. संगम नगरी में नैनी इलाके में देवरख घाट पर गंगा किनारे पिछले दिनों इतने शव दफना दिए गए हैं कि अब यहां लोग आने से कतराने लगे हैं. नदी के किनारे अब तक सैकड़ों शव गंगा की रेती में दफना दिए गए हैं. तेज हवा चलने के बाद देवरख घाट का गंगा किनारे जहां तक रेती में नजर जाती है, हर तरफ दफनाये गए शव दिखाई पड़ रहे हैं. इसके साथ ही देवरख घाट पर सैकड़ों शवों का अंतिम संस्कार भी किया गया है. घाट पर इतनी बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार और दफनाए जाने की वजह से अब लोगों ने स्नान करना भी बंद कर दिया है.
रेती में दफन किए गए सैकड़ों शव
प्रयागराज में कोरोना महामारी से बड़ी संख्या में लोगों की जान गयी है. हालांकि पिछले महीने में इतने लोगों की मौत किस वजह से हुई इस बारे में कोई जिम्मेदार बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन दफनाए गए शवों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. लोगों की मानें तो सरकारी आंकड़ों से सैकड़ों गुना अधिक लोगों की की मौते पिछले डेढ़ महीने में रहस्यमय तरीके से हुई है. मौतों का सिलसिला इतना ज्यादा है कि शहर के श्मशान घाट और कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ गई. जिसकी वजह से शवों के अंतिम संस्कार को लेकर मारामारी तक की नौबत आ गयी थी. जिसके बाद देवरख व दूसरे घाटों पर शवों को गंगा किनारे रेती में दफना दिया गया है. वहीं, शुक्रवार को इस घाट के नजदीक एक शव भी गंगा नदी में उतराता हुआ दिखा.
बड़ी संख्या में शवों का भी हुआ अंतिम संस्कार
प्रयागराज के नैनी इलाके में संगम के नजदीक देवरख घाट हैं जहां पर आम दिनों में लोग गंगा स्नान करने जाते थे.इसी घाट पर कभी कभी शव का अंतिम संस्कार भी किया जाता था.लेकिन पिछले कुछ दिनों में इस घाट के किनारे गंगा की रेती में सौ से ज्यादा शव दफना दिए गए हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार भी इसी घाट पर किया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जितनी तेजी रेती हटेगी उतनी ही जल्दी जानवर शवों को खोदकर बाहर निकाल लेंगे. जिससे न सिर्फ गंगा घाट पर प्रदूषण और गंदगी फैलेगी आसपास के इलाकों में दुर्गंध और बीमारी फैलने का भी खतरा बढ़ेगा.
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बारिश में आ जाएंगे शव बाहर
देवरख गांव के रहने वाले लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन इन शवों को रेती से निकलवाकर विधिवत उनका अंतिम संस्कार करवाये. यदि ऐसा नहीं किया तो बारिश में नदी का जल स्तर बढ़ने पर भी शव बाहर निकल जाएंगे. क्योंकि इन शवों को कब्र बनाकर नहीं गाड़ा गया है और रेती के तेजी से हटने ओर शव के बाहर निकल आने का खतरा बरकरार रहेगा.