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संगम नगरी में आए विदेशी मेहमान, पर्यटकों में उत्साह

संगम नगरी प्रयागराज में ठंड की दस्तक के साथ ही हजारों मील का सफर तय कर दूर देश से प्रवासी पक्षियों का झुंड पहुंच चुका है. नवम्बर से संगम में डेरा डालने वाले ये विदेशी मेहमान मार्च महीने तक संगम की शोभा बढ़ाएंगे.

संगम तट पर आए प्रवासी पक्षी.
संगम तट पर आए प्रवासी पक्षी.
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Published : Dec 5, 2020, 12:41 PM IST

प्रयागराज: सैकड़ों सालों से दूर देश से आने वाले विदेशी पक्षियों का झुंड इस बार भी संगम तट पर श्रद्धालुओं को आकर्षित करने पहुंच गया है. संगम तट आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक न सिर्फ गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं. बल्कि ये श्रद्धालू प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाकर भी पुण्य अर्जित कर रहे हैं. वहीं संगम घूमने आने वाले लोगों का भी कहना है कि साइबेरियन पक्षियों की वजह से संगम की सुंदरता बढ़ गयी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें साल भर इन विदेशी मेहमानों का इंतज़ार रहता है. जैसे ही शहर के लोगों को संगम पर साइबेरियन पक्षियों के पहुंचने की जानकारी मिलती है, तो वो उन्हें देखने और दाना खिलाने संगम तट तक पर पहुंचने लगते हैं.

संगम तट पर आए प्रवासी पक्षी.

ठंड से बचने के लिए संगम तट पर पहुंचते हैं प्रवासी पक्षी

वहीं पर्यावरण के जानकर और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनुपम पांडेय का कहना है कि ये पक्षी सिर्फ साइबेरिया से ही नहीं बल्कि मंगोलिया, अफगानिस्तान के अलावा हिमालय के उत्तरी इलाकों से भी इनका गंगा के मैदानी इलाकों में आते हैं. पक्षियों के प्रयाग आने का ये लंबा सफर सैकड़ों सालों से चला आ रहा है.

प्रयागवासियों का प्यार और दुलार भी इन पक्षियों को आकर्षित करता है. क्योंकि ये पक्षी माघ महीने में जिस वक्त प्रयाग आते हैं, उस समय यहां माघ मेला और कुंभ मेला का आयोजन होता है. इसमें लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. लेकिन उस भीड़ से डरने की जगह साइबेरियन पक्षी उनके बीच ही सुरक्षित रहकर वापस अपने वतन लौट जाते हैं.

प्रयागराज में संगम तट पर आने वाले श्रद्धालु पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोग भी इन पक्षियों से लगाव रखते हैं और उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. यही वजह है कि हर साल ये पक्षी प्रयागराज के संगम तट पहुंचते हैं. ठंड की शुरुआत के साथ नवम्बर महीने में इनके आने का सिलसिला शुरू हो जाता है और गर्मी की शुरुआत के साथ ही मार्च महीने के अंत तक ये अपने देश वापस चले जाते हैं.

संगम पर आकर्षण बने विदेशी पक्षी

हजारों की संख्या में संगम तट पर मौजूद ये साइबेरियन मेहमान इन दिनों आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. संगम पर पूजा-पाठ करने पहुंचे श्रद्धालू हों या फिर संगम की सैर करने वाले सैलानी, सभी को इन पक्षियों की चहचहाहट अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है. इन दिनों संगम तट पर आने वाले अधिकतर लोग इन खास मेहमानों के साथ सेल्फी और फोटोग्राफी करवाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. अपने आस-पास उड़ने वाले साइबेरियन पक्षियों के साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ भी संगम तट पर देखने को मिलती है.

संगम पर बड़ी संख्या में जुटने वाले इन विदेशी पक्षियों के आकर्षण को देखते हुए प्रयागराज में प्रवासी पक्षी दिवस मनाने की मांग की जा रही है. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनुपम पांडेय की अपील है कि माघ मेले के दौरान बसंत पंचमी के दिन संगम नगरी में इन विदेशी मेहमानों के सम्मान में प्रवासी पक्षी दिवस मनाने की शुरुआत होनी चाहिए.

प्रयागराज: सैकड़ों सालों से दूर देश से आने वाले विदेशी पक्षियों का झुंड इस बार भी संगम तट पर श्रद्धालुओं को आकर्षित करने पहुंच गया है. संगम तट आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक न सिर्फ गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं. बल्कि ये श्रद्धालू प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाकर भी पुण्य अर्जित कर रहे हैं. वहीं संगम घूमने आने वाले लोगों का भी कहना है कि साइबेरियन पक्षियों की वजह से संगम की सुंदरता बढ़ गयी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें साल भर इन विदेशी मेहमानों का इंतज़ार रहता है. जैसे ही शहर के लोगों को संगम पर साइबेरियन पक्षियों के पहुंचने की जानकारी मिलती है, तो वो उन्हें देखने और दाना खिलाने संगम तट तक पर पहुंचने लगते हैं.

संगम तट पर आए प्रवासी पक्षी.

ठंड से बचने के लिए संगम तट पर पहुंचते हैं प्रवासी पक्षी

वहीं पर्यावरण के जानकर और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनुपम पांडेय का कहना है कि ये पक्षी सिर्फ साइबेरिया से ही नहीं बल्कि मंगोलिया, अफगानिस्तान के अलावा हिमालय के उत्तरी इलाकों से भी इनका गंगा के मैदानी इलाकों में आते हैं. पक्षियों के प्रयाग आने का ये लंबा सफर सैकड़ों सालों से चला आ रहा है.

प्रयागवासियों का प्यार और दुलार भी इन पक्षियों को आकर्षित करता है. क्योंकि ये पक्षी माघ महीने में जिस वक्त प्रयाग आते हैं, उस समय यहां माघ मेला और कुंभ मेला का आयोजन होता है. इसमें लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. लेकिन उस भीड़ से डरने की जगह साइबेरियन पक्षी उनके बीच ही सुरक्षित रहकर वापस अपने वतन लौट जाते हैं.

प्रयागराज में संगम तट पर आने वाले श्रद्धालु पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोग भी इन पक्षियों से लगाव रखते हैं और उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. यही वजह है कि हर साल ये पक्षी प्रयागराज के संगम तट पहुंचते हैं. ठंड की शुरुआत के साथ नवम्बर महीने में इनके आने का सिलसिला शुरू हो जाता है और गर्मी की शुरुआत के साथ ही मार्च महीने के अंत तक ये अपने देश वापस चले जाते हैं.

संगम पर आकर्षण बने विदेशी पक्षी

हजारों की संख्या में संगम तट पर मौजूद ये साइबेरियन मेहमान इन दिनों आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. संगम पर पूजा-पाठ करने पहुंचे श्रद्धालू हों या फिर संगम की सैर करने वाले सैलानी, सभी को इन पक्षियों की चहचहाहट अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है. इन दिनों संगम तट पर आने वाले अधिकतर लोग इन खास मेहमानों के साथ सेल्फी और फोटोग्राफी करवाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. अपने आस-पास उड़ने वाले साइबेरियन पक्षियों के साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ भी संगम तट पर देखने को मिलती है.

संगम पर बड़ी संख्या में जुटने वाले इन विदेशी पक्षियों के आकर्षण को देखते हुए प्रयागराज में प्रवासी पक्षी दिवस मनाने की मांग की जा रही है. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनुपम पांडेय की अपील है कि माघ मेले के दौरान बसंत पंचमी के दिन संगम नगरी में इन विदेशी मेहमानों के सम्मान में प्रवासी पक्षी दिवस मनाने की शुरुआत होनी चाहिए.

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