प्रयागराज: लॉकडाउन लगने के बाद सरकार की ओर से दिहाड़ी मजदूरों को गांवों में ही काम देने के उद्देश्य से मनरेगा योजना के तहत कच्चे कार्य कराये जाने का आदेश दिया गया है. इसके तहत ग्राम सभाओं में मनरेगा के जॉबकार्ड धारकों और प्रवासी मजदूरों को गांवों में ही तालाबों की खुदाई, कच्चे सम्पर्क मार्गों का निर्माण आदि कार्यों को कराया जाने लगा.
वहीं इसी क्रम में कौधियारा विकास खंड के अन्तर्गत आने वाली ग्राम सभा करमा में भी ग्राम प्रधान की ओर से ग्राम सभा में मनरेगा मजदूरों को लगाकर कार्य कराया जाने लगा है, लेकिन ग्राम रोजगार सेवक के पास कार्य का मास्टररोल न होने की वजह से मजदूरों की हाजिरी नहीं भरी जाने से उनकी मजदूरी नहीं मिल पा रही थी. इससे नाराज करमा ग्राम सभा के मनरेगा मजदूरों ने कौधियारा ब्लॉक मुख्यालय पहुंचकर खंड विकास अधिकारी के कार्यालय का घेराव किया. बारिश में भीगते हुए मजदूर अपनी मजदूरी न मिलने की शिकायत करते रहे, लेकिन ब्लॉक में मौजूद सभी अधिकारी मजदूरों की भीड़ देखकर निकल लिये.
वहीं मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान करमा ने बताया कि उनकी ओर से कई बार मास्टररोल की डिमांड की गई, लेकिन ब्लॉक के अधिकारी मास्टररोल देने से आनाकानी करते रहे, जबकि वहां पर मौजूद कुछ अन्य ग्राम प्रधानों ने बताया कि कौधियारा ब्लॉक में मास्टररोल बिना सुविधा शुल्क दिए नहीं मिलता है. इसके कारण करमा ग्राम प्रधान को ब्लॉक कर्मचारियों ने मनरेगा कार्य का मास्टररोल नहीं दिया.
इस बारे में जब खंड विकास अधिकारी कौधियारा नवीन गुप्ता से बात करने की कोशिश की गई तो वह अपने कार्यालय से गायब हो गए, जबकि मजदूरी न मिलने से नाराज मनरेगा मजदूर अपने जॉबकार्ड के साथ देर शाम तक ब्लॉक मुख्यालय पर ही डटे रहे. वहीं ग्राम प्रधान के काफी समझाने पर सभी मजदूर ब्लॉक मुख्यालय से वापस अपने घरों को गए.