प्रयागराजः संगम तट पर लगे माघ मेले में विश्व हिंदू परिषद शिविर में सोमवार को अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों की बैठक हुई. बैठक में संत संपर्क प्रमुख के पदाधिकारी साधु संत धर्माचार्यों से संपर्क कर धर्मान्तरण और लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के प्रयास करने पर चर्चा की गई. बैठक में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े देश भर के धर्माचार्य संपर्क प्रमुख शामिल हुए. इस दौरान संत संपर्क प्रमुख ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा रामायण को लेकर दिए गए विवादित बयान पर वीएचपी की तरफ से निशाना साधा.
विश्व हिंदू परिषद संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे नेता को पार्टी और पब्लिक कोई नहीं पूछ रहा है. वो मीडिया के जरिए चर्चा में आने के लिए रामचरित मानस जैसे पवित्र ग्रंथ पर बोलकर चर्चा में आना चाहते हैं. उन्होंने इस तरह का बयान देकर करोड़ों राम भक्तो का अपमान किया है. ऐसे नेताओं को अखिलेश यादव को पार्टी में रखना चाहिए या नहीं? उनकी पार्टी पर अयोध्या में कार्य सेवकों पर गोली चलवाने का आरोप लग चुका है. अब उनकी पार्टी के नेता रामायण जैसे महान ग्रंथ को लेकर अपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं. रामायण का अपमान कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम समजवादी पार्टी के नेताओं ने ही किया है.
वहीं अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों की बैठक को लेकर अशोक तिवारी ने कहा कि 'बैठक में देश में जो भी मत, पंथ और संप्रदाय हैं, उन सभी को सूचीबद्ध करने पर मंथन किया गया है, जिससे कि विभिन्न मत पंथों और संप्रदाय में जो भी विसंगतियां हैं, उनको कैसे दूर किया जाए. इस पर भी चर्चा की गयी. समाज में बढ़ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए साधु संतो का सहारा लिया जाएगा.'
उन्होंने कहा कि देश भर में जहां पर भी धर्मांतरण लव जिहाद से जुड़े ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. उन स्थानों को चिन्हित करके उसकी जानकारी साधु संतों को दी जाएगी. इसके बाद संत समाज के लोग उन जगहों को चिन्हित करके वहां जाकर प्रवास करेंगे, जिसके जरिये साधु संत धर्मांतरण या फिर लव जिहाद जैसे मामलों को रोकने के लिए समाज और हिन्दू जनता को जागरूक करने का कार्य करेंगे. हिन्दू समाज की रक्षा करने का काम करेंगे.
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