प्रयागराज: महंत नरेन्द्र गिरि को भू समाधि दे दी गई है. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में इसी स्थल पर भू-समाधि देने की इच्छा जताई थी. भू-समाधि से पहले जमीन पर नमक की एक परत बिछाई गई. इसके बाद सुगंधित जल, पुष्प आदि का छिड़काव किया गया. नरेंद्र गिरि को समाधि देने के लिए नींबू के पेड़ के पास एक चौकोर सा गहरा गड्ढा खोदा गया था. गड्ढे की एक दीवार को खोदकर एक छोटा सा कमरा बनाया गया था. यहीं पर नरेंद्र गिरि को बैठी हुई अवस्था में समाधि दी गई. इस प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था. समाधि के वक्त चारों ओर चादर से पर्दा कर दिया गया, इसके बाद ही मंत्रोच्चार का सिलसिला शुरू हुआ. इस मौके पर हरिद्वार, अयोध्या और वाराणसी सहित तमाम संतों ने आकर इस समाधि में महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि दी.
इस दौरान श्रद्धांजलि देने पहुंचे भक्तों ने एक बार फिर यही बात दोहराई कि महंत नरेंद्र गिरि सुसाइड नहीं कर सकते हैं. उन्हें उनके सुसाइड करने पर शंका है. लोगों ने एक बार फिर यही मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए. इस घटना के पीछे जो भी दोषी हैं उनका पता लगाकर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.