लखनऊ: डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अब स्नातक और परास्नातक विषयों में पढ़ाई कर रहे, छात्रों को फर्स्ट डिवीजन के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी होगी. विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय के अनुसार अब छात्रों को 6.5 सीजीपीए के स्थान पर, 6 सीजीपीए लाने पर फर्स्ट डिवीजन मिलेगा. विश्वविद्यालय में यह नियम अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगा.
विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल में हुए, निर्णय के अनुसार 60 फ़ीसदी अंक पर अब छात्रों को फर्स्ट डिवीजन दिया जाएगा, जबकि पहले 65 फ़ीसदी या फिर 6.5 सीजीपीए लाने पर उन्हें फर्स्ट डिवीजन मिलता था.
इंटरमीडिएट के तहत 60 फ़ीसदी अंक पर मिलेगा फर्स्ट डिवीजन: विश्वविद्यालय के कुलपति संजय सिंह ने बताया, कि विश्वविद्यालय समान छात्रों के साथ-साथ दिव्यांग छात्रों के लिए भी स्थापित किया गया है. ऐसे में कई बार दिव्यांग छात्रों के प्रयास के बाद भी वह 6.5 सीजीपीए पाने में चूक जाते थे.
इससे उनको फर्स्ट डिवीजन लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी. ऐसे में छात्रों को इंटरमीडिएट के आधार पर, 60 फ़ीसदी नंबर लाने पर उन्हें फर्स्ट डिवीजन की मार्कशीट प्रदान की जाएगी. इससे छात्रों को आगे चलकर प्लेसमेंट आदि पाने में काफी आसानी होगी.
नए कोर्सेस की भी जल्द होगी शुरुआत : कुलपति संजय सिंह ने बताया कि इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्णय लिया है, कि जल्द ही फैकेल्टी आफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज और फैकेल्टी आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के कोर्स विश्वविद्यालय में शुरू होगा. अभी तक विभाग में इंस्टिट्यूट के रूप में इंजीनियरिंग आफ फार्मेसी की पढ़ाई कराई जा रही है.
अब इन इंस्टिट्यूट को फैकल्टी आदि के रुप में संचालित किया जाएगा. इसमें डायरेक्टर के पद के साथ ही सभी नियुक्तियां होगी. उन्होंने बताया कि फैकल्टी बनने से विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी.
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