प्रयागराज: पहले पालघर और अब बुलंदशहर में साधुओं की हत्या से संत समाज काफी गुस्से में है. बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या से संत समाज को आघात पहुंचा है और लॉकडाउन के बाद संत समाज के लोग एक बड़ा निर्णय लेने के पक्ष में दिख रहे हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने इस मामले में कहा कि अगर सरकार इस पर ठोस कदम नहीं उठाती है तो संत समाज खुद ही निर्णय लेने पर मजबूर होगा.
नशेड़ी ने की साधुओं की हत्या
दरअसल बुलंदशहर में सोमवार को देर रात शिव मंदिर में घुसकर एक नशेड़ी ने दो साधुओं की धारदार हथियार से हत्या कर दी. जिसके बाद ग्रामीणों ने आरोपियों को पकड़कर पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले में चौकीदार की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.
संत समाज में आक्रोश
पहले महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के संतों का कत्ल और अब सोमवार की रात बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या के मामले को लेकर संत समाज ने कड़ी निंदा की है. इस मामले में संतों ने राज्य और केंद्र सरकार से इसकी जांच की मांग की है. इसे लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी संत हैं, ऐसे में उनकी सरकार में संत महात्माओं और मठ मंदिरों की सुरक्षा होनी चाहिए.
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बढ़ाई जाय संतों की सुरक्षा
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या की पर चिंता जताते हुए कहा, कि इस घटना को पालघर की घटना से न जोड़ कर देखा जाए, दोनों घटनाक्रम अलग है. चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि शहर और कस्बे के मठ-मंदिरों में रहने वाले संत महात्माओं की सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने बुलंदशहर की घटना को समझ से परे बताते हुए उसकी जांच कराए जाने की मांग की है. साथ ही बड़े-बड़े मठ मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद अखाड़ा परिषद आगे की रणनीति तैयार कर एक बड़ा निर्णय लेगा और उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा.