प्रयागराज/ प्रतापगढ़: माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड केस की सुनवाई आज होनी है. 25 अक्टूबर को सुनवाई टल गयी थी. इसकी वजह थी कि शूटर्स के अधिवक्ता मौजूद नहीं थी. तीनों शूटर्स सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य प्रतापगढ़ की जिला जेल में रखे गये हैं. तीनों को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पहले भी पेश किया गया था.
प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं तीनों शूटर्स: माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले शूटर्स लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं. तीनों को सुरक्षा कारणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जाना है. इसके पहले इस केस में 25 अक्टूबर तीनों शूटर्स की पेश किया गया था.
13 जुलाई को चार्जशीट हुई थी दाखिल: तीनों शूटर्स के खिलाफ एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 13 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने चार्जशीट देखने के बाद केस को परीक्षण के लिए सत्र न्यायालय को सौंपने का आदेश दिया था. यह जानकारी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने सार्वजनिक की थी.
गनर की जमानत अर्जी हो गयी थी खारिज: माफिया अतीक अहमद के गनर अजय खुराना की जमानत अर्जी 25 अक्टूबर को सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी थी. उस पर 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप है. सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार राय ने आरोपी गनर की जमानत अर्जी रद्द की थी. अदालत ने कहा थी कि मामले की परिस्थितियों क्राइम की गंभीरता और उसमें संलिपता को देखते हुए जमानत अर्जी स्वीकार करने का पर्याप्त आधार नहीं है.
15 अप्रैल 2003 को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या: तीनों शूटर्स के खिलाफ पुलिस आर्म्स एक्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. हमलावर पत्रकारों की भेष में पहुंचे थे. शूटर्स ने कॉल्विन अस्पताल अतीक और अशरफ को पुलिस हिरासत में गोलियों से छलनी कर दिया. तीनों शूटर्स सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य ने अतीक अहमद और अशरफ कई राउंड फायरिंग की गयी थी. गोलीबारी की घटना में दोनों भाइयों की घटनास्थल पर मौत हो गई.
तीनों शूटर्स के खिलाफ आरोप तय होंगे: अतीक-अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के कारण यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे थे. मौके पर सुरक्षा बलों और पुलिस की मौजूदगी में हमलावरों ने वारदात को अंजाम दिया था. दोनों भाइयों को मौत के घाट उतारने के बाद हमलावरों ने आत्मसमर्पण कर दिया था. पुलिस ने मौके से तीनों शूटर्स को अरेस्ट कर लिया था. एसआईटी के आरोप पत्र के अनुसार शूटर्स ने नाम कमाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था. शुक्रवार की सुनवाई में प्रयागराज की जिला अदालत एसआईटी के आरोप पत्र के आधार पर आरोप तय कर सकती है.
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