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नई लिस्टिंग व्यवस्था से हाईकोर्ट के वकीलों में आक्रोश, व्यवस्था सुधारने के लिए लिखा प्रबंधन को पत्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकद्दमो की लिस्टिंग एवं सूचना तकनीकी व्यवस्था की खामियों को लेकर वकीलों में आक्रोश है. अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर मुख्य न्यायाधीश से मिलकर समस्या का हल निकालने का दबाव बनाया है.

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Published : May 6, 2022, 8:30 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकद्दमो की लिस्टिंग एवं सूचना तकनीकी व्यवस्था की खामियों को लेकर वकीलों में आक्रोश है. अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर मुख्य न्यायाधीश से मिलकर समस्या का हल निकालने का दबाव बनाया है. बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अशोक कुमार सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष अतुल कुमार पाण्डेय, पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन संतोष कुमार मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी सहित सैकड़ों वकीलों ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिव से ध्वस्त हुई व्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास करने की मांग की है.

हाईकोर्ट में मुकदमे लिस्ट पर है और स्टेटस में उनका रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे मुकदमों की रिपोर्ट अपलोड है. इसके कारण तमाम विपक्षी वकीलों को केस की जानकारी नहीं मिल पाने से सुनवाई टल रही है या एक पक्षीय आदेश पारित हो रहे हैं. नये दाखिल मुकदमे 20 से 25 दिन बाद सूचीबद्ध हो रहे हैं और सुनवाई न हो पाने पर 5 दिन बाद दुबारा सूची पर लिस्ट किया जा रहा है. जिससे वकीलों को वादकारियों से फजीहत झेलनी पड़ रही है.

अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव वह शरद चंद्र मिश्र ने महानिबंधक को पत्र लिखकर कंप्यूटर तकनीकी व्यवस्था में तत्काल सुधार के कदम उठाने की मांग की. साथ ही कोर्ट भवन सुंदरीकरण के दौरान न्याय कक्षों से हटाई गई अशोक की लाट को पुनर्स्थापित करने की मांग की. इसके अलावा अधिवक्ताओं ने न्याय कक्षो में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड के लिए 6 साल पहले लगे टीवी स्क्रीन को चालू कराने की मांग की.

इसे पढ़ें- ज्ञानवापी परिसर और श्रृंगार गौरी मंदिर का सर्वे करने पहुंचे कोर्ट कमिश्नर और नामित सदस्य, जमकर हुई नारेबाजी

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकद्दमो की लिस्टिंग एवं सूचना तकनीकी व्यवस्था की खामियों को लेकर वकीलों में आक्रोश है. अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर मुख्य न्यायाधीश से मिलकर समस्या का हल निकालने का दबाव बनाया है. बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अशोक कुमार सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष अतुल कुमार पाण्डेय, पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन संतोष कुमार मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी सहित सैकड़ों वकीलों ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिव से ध्वस्त हुई व्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास करने की मांग की है.

हाईकोर्ट में मुकदमे लिस्ट पर है और स्टेटस में उनका रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे मुकदमों की रिपोर्ट अपलोड है. इसके कारण तमाम विपक्षी वकीलों को केस की जानकारी नहीं मिल पाने से सुनवाई टल रही है या एक पक्षीय आदेश पारित हो रहे हैं. नये दाखिल मुकदमे 20 से 25 दिन बाद सूचीबद्ध हो रहे हैं और सुनवाई न हो पाने पर 5 दिन बाद दुबारा सूची पर लिस्ट किया जा रहा है. जिससे वकीलों को वादकारियों से फजीहत झेलनी पड़ रही है.

अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव वह शरद चंद्र मिश्र ने महानिबंधक को पत्र लिखकर कंप्यूटर तकनीकी व्यवस्था में तत्काल सुधार के कदम उठाने की मांग की. साथ ही कोर्ट भवन सुंदरीकरण के दौरान न्याय कक्षों से हटाई गई अशोक की लाट को पुनर्स्थापित करने की मांग की. इसके अलावा अधिवक्ताओं ने न्याय कक्षो में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड के लिए 6 साल पहले लगे टीवी स्क्रीन को चालू कराने की मांग की.

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