प्रयागराजः एसडीएम द्वारा अपने उच्च अधिकारी कमिश्नर के आदेश को गलत और वैधानिक करार देने को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने एसडीएम कायमगंज फर्रुखाबाद को तलब कर लिया है. कोर्ट ने उनको इस तरह का बेतुका आदेश पारित करने पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. सस्ते गल्ले की दुकान के लाइसेंस धारक रत्नेश सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने दिया है.
याची के अधिवक्ता ओपीएस राठौर ने कोर्ट के समक्ष कहा कि याची की सस्ते गल्ले की दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था. इसके खिलाफ उसने कमिश्नर के यहां अपील दाखिल की. कमिश्नर ने अपने 6 अक्टूबर 2022 के आदेश से लाइसेंस को पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया. इसके बाद भी जब लाइसेंस बहाल नहीं किया गया तो उसने एसडीएम को प्रत्यावेदन दिया. लेकिन उसके प्रत्यावेदन पर एसडीम कायमगंज ने कोई निर्णय नहीं लिया. इस पर याची ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट ने एसडीएम को याचिका निस्तारित करने का निर्देश दिया. इसके बाद एसडीएम ने लाइसेंस बहाल करने के बजाय कमिश्नर के आदेश को गलत और अवैधानिक करार देते हुए प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.
हाईकोर्ट ने एसडीएम के आदेश पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि एसडीएम ने इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश की गलत व्याख्या करते हुए कमिश्नर के आदेश का पालन करने के बजाय उसे अवैधानिक करार दे दिया. यह पूरी तरीके से बेतुका आदेश है, जिसे पारित करते समय एसडीएम ने अपने विवेक का प्रयोग नहीं किया. कोर्ट ने एसडीएम को 13 दिसंबर को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि इस दौरान उक्त दुकान का आवंटन किसी अन्य को नहीं किया जाएगा.
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