प्रयागराज: शारदीय नवरात्रि का आज आखिरी दिन है. आज माता के नौंवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ कन्या पूजा का विधान भी है. वहीं घर-घर माता की पूजा अर्चना के साथ साथ कई मोहल्लों में रामदल के एक दिन पहले काली स्वांग भी निकाला जाता है. जिले के बैरहना स्थित ट्यूबवेल वाली गली में मां काली के रौद्र रूप का प्रदर्शन किया गया.
हाथ में खप्पर और गले में मुंडमाला पहने काली की वेशभूषा में कलाकार सड़कों पर नृत्य करते उतरे तो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा. प्रयागराज में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही मान्यता के अनुसार मां काली लोगों के घरों तक जाकर उन्हें दर्शन देती हैं. मां काली के दर्शन करने के लिए तमाम लोग जुटते है और सबसे खास बात यह रही कि एक 10 साल के बालक ने काली का स्वरूप 10 रखा.
शारदीय नवरात्र में शहर में अलग-अलग रामलीलाओं के साथ ही मां काली के रौद्र रूप के दर्शन भी होते हैं. प्रयागराज के बहराना स्थित ट्यूबवेल वाली गली में मां काली के रौद्र रूप का प्रदर्शन किया गया. मां काली के नन्हे पात्र अश्मित का आगमन हुआ. उन्हें मां काली का चेहरा पहनाया गया और दाहिने हाथ में भुजाली और नरमुण्ड की माला पहनाकर धूप, दीप और लोहबान की खुशबू के बाद आरती उतारकर नारियल, नींबू, जायफल की बलि दी गई.लगे मां काली के जयकारे
मां काली का रौद्र रूप बनाए पात्र जिधर से निकले उधर मां काली के जयकारों की गूंज होती गई. साथ ही मां काली का दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए मां के भक्तो में होड़ लगी रही. मां काली के जयकारे से पूरा वाता वारावरण गुंजायमान हो गया. कहा जाता है कि रामायण में एक विशेष काली स्वांग का प्रसंग है. जिसमें मां काली का स्वरूप बनाकर हांथ में भुजाली लिए हजारों की भीड़ में निकलती है.
जानकारों के मुताबिक यह दृश्य रामायण के प्रसंग से जुड़ा है जिसमें सुपर्णखा कि नाक काटने के बाद खरदूषण अपनी सेना लेकर भगवान राम से युद्ध करने निकल पड़ता है. जिसमें कहा जाता है कि माता सीता ने खुद मां काली का वेश धारण कर राम के रथ के आगे आगे चलती हैं और वह स्वयं खरदूषण का वध करती हैं. प्रयागराज में काली स्वांग की परंपरा सैकड़ों बरस पुरानी है. दूर-दूर से लोग यहां काली स्वांग देखने के लिए आते हैं. आधी रात के बाद काली स्वांग का दृश्य देखने को मिलता है.
वहीं मां काली का पात्र कर रहे अश्मित का कहना है कि आज हमने मां काली का धारण करके भक्तों को दर्शन दिया. यह भी कहा कि कोई कोविड महामारी दुनिया से खत्म हो जाए. दर्शन करने आई तनीषा का कहना है कि आज हम लोगों ने मां काली का बाल रूप देखा और उनसे घर में सुख शांति के साथ साथ करोना महामारी देश दुनिया से खतम हो जाएं इसके लिए मां काली से प्रार्थना की.