प्रयागराज: शुक्रवार की नमाज के बाद पुलिस पर पथराव के आरोपी जावेद पंप की जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है. कोर्ट ने जावेद को शर्तो के साथ रिहा करने का आदेश दिया है. जावेद मोहम्मद पंप की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति समीर जैन ने सुनवाई की. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी का कहना था कि याची जावेद मोहम्मद पंप के खिलाफ करेली थाने में विधि विरुद्ध जमाव, बलवा करने, घातक हथियारों से लैस होकर बलवा करने की साजिश करना, जानलेवा हमला करने, एक्सप्लोसिव एक्ट, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने जैसी तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
प्राथमिकी में याची सहित कुल 14 लोग नामजद है जबकि लगभग 200 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज है. याची के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत और झूठे हैं. वह कभी भी घटना में शामिल नहीं था. ना ही उसने किसी को उकसाया और ना ही वह घटना की साजिश किसी प्रकार से शामिल था. उसके विरुद्ध घटना में शामिल होने का कोई सीधा साक्ष्य नहीं है. याची पर बम फेंकने का भी कोई आरोप नहीं है. पुलिस द्वारा लिए गए गवाहों के बयान में भी याची के घटना में शामिल होने की बात सामने नहीं आई है.
इस घटना में जिन पुलिसकर्मियों को चोट आई है वह छोटे भी मामूली है. तथा कोई भी पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल नहीं है. अधिवक्ता की दलील थी कि जावेद मोहम्मद ना तो घटनास्थल से गिरफ्तार हुआ न ही उसके पास से कोई बरामदगी की गई है. जानलेवा हमले और एक्सप्लोसिव एक्ट को छोड़ दें, तो अन्य सभी धाराओं में अधिकतम 3 से 7 साल तक की सजा है. इस घटना में नामजद लोगों में से कई लोगों की जमानत मंजूर हो चुकी है. जबकि अभियोजन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया. घटना के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जावेद मोहम्मद को शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.
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