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कोविड में सामान्य आदेश, तो अपील मियाद बाधित कहकर खारिज करना सही नहींः हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कोविड में सामान्य आदेश, तो अपील मियाद बाधित कह खारिज करना सही नहीं है. आदेश रद्द, नये सिरे से अपील तय करने का निर्देश दिया गया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Aug 3, 2022, 5:46 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोविड के दौरान सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट व राज्य सरकार ने आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने की मियाद सीमा निलंबित कर रखी थी. ऐसे में जीएसटी कानून के तहत अपील मियाद बीत जाने के बाद दाखिल करने के आधार पर निरस्त करना विधि सम्मत नहीं है.

कोर्ट ने मैसर्स सिंह ग्रुप का जीएसटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण निरस्त करने के खिलाफ दाखिल अपील मियाद बाधित होने के कारण खारिज करने के 31मार्च 2022 को रद्द कर दिया है और विभाग को नये सिरे से समय के भीतर मान अपील तय करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढे़ं:दुष्कर्म का वीडियो वायरल करने वाले आरोपी की जमानत याचिका खारिज

यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने फिरोजाबाद की मेसर्स सिंह ग्रुप की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. कोर्ट कहा कि प्रदेश में जीएसटी अधिकरण का गठन नहीं किया गया है. इसलिए याचिका की सुनवाई की गई. याचिका पर अधिवक्ता शुभम अग्रवाल ने बहस की. इनका कहना था कि 11 सितंबर 2019 को याची का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया. जिसके खिलाफ अपील मियाद बाधित मान खारिज कर दी गई थी.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोविड के दौरान सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट व राज्य सरकार ने आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने की मियाद सीमा निलंबित कर रखी थी. ऐसे में जीएसटी कानून के तहत अपील मियाद बीत जाने के बाद दाखिल करने के आधार पर निरस्त करना विधि सम्मत नहीं है.

कोर्ट ने मैसर्स सिंह ग्रुप का जीएसटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकरण निरस्त करने के खिलाफ दाखिल अपील मियाद बाधित होने के कारण खारिज करने के 31मार्च 2022 को रद्द कर दिया है और विभाग को नये सिरे से समय के भीतर मान अपील तय करने का निर्देश दिया है.

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यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने फिरोजाबाद की मेसर्स सिंह ग्रुप की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. कोर्ट कहा कि प्रदेश में जीएसटी अधिकरण का गठन नहीं किया गया है. इसलिए याचिका की सुनवाई की गई. याचिका पर अधिवक्ता शुभम अग्रवाल ने बहस की. इनका कहना था कि 11 सितंबर 2019 को याची का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया. जिसके खिलाफ अपील मियाद बाधित मान खारिज कर दी गई थी.

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