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अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि पहुंचे प्रयागराज, कहा- सत्यमेव जयते

अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि महाराज सोमवार को मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचे. यहां उनका भक्तों व शुभचिंतकों ने जोरदार स्वागत किया. पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में उन पर दो महिलाओं ने अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाया था. मीडिया से बातचीत करते हुए स्वामी आनंद गिरि ने कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है.

मीडिया से बातचीत करते अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि. .
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Published : Oct 23, 2019, 9:31 AM IST

प्रयागराज: अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि महाराज मंगलवार को प्रयागराज पहुंच गए, जहां मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचने पर भक्तों व शुभ चिंतकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. दरअसल पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में भक्तों को योगा सिखाने के लिए गए आनंद गिरि पर 2 महिलाओं ने अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इतना ही नहीं, स्वामी आनंद गिरि का पासपोर्ट भी जमा करा लिया गया था.

मीडिया से बातचीत करते अंतरराष्ट्रीय योग गुरु.

अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के लगभग 7 महीने बाद प्रयागराज मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचे. उन्होंने कहा कि मैं बाल्य काल से सन्यासी हूं. 10 साल की उम्र में अपने पूज्य गुरुदेव व धर्म का अनुशरण करने के लिए पहले उनसे शिक्षा ली, जिसके बाद धर्म का प्रचार करने का सौभाग्य मिला.

प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत आनंद गिरि ने कहा कि एक ऐसा संक्रमण काल आया, जिसमें सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि सनातन धर्म की छवि धूमिल करने के लिए साजिश रची गई. उसमें सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि हमारे पूज्य गुरुदेव या मेरे चाहने वालों को जो कष्ट हुआ है, वह बेहद दुखदाई है लेकिन कोर्ट ने जो न्याय किया है, उससे मेरा यकीन बढ़ गया है कि मेरे पूज्य गुरुदेव ने जो ज्ञान दिया है, वह व्यर्थ नहीं गया.

ये भी पढ़ें: प्रयागराज: रैगिंग के आरोप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 10 छात्र निलंबित

अंतरराष्ट्रीय योग गुरु ने कहा कि जिन लोगों ने मुझ पर आस्था और विश्वास जताया है, उनकी आस्था व्यर्थ नहीं गई है और आज जब सच की जीत हुई तो सनातन धर्म का चारों तरफ डंका बज रहा है. कोर्ट ने आरोप लगाने वाले शख्स को चेतावनी भी दी है, जिससे कि भविष्य में किसी को बेवजह न फंसाया जा सके.

प्रयागराज: अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि महाराज मंगलवार को प्रयागराज पहुंच गए, जहां मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचने पर भक्तों व शुभ चिंतकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. दरअसल पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में भक्तों को योगा सिखाने के लिए गए आनंद गिरि पर 2 महिलाओं ने अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इतना ही नहीं, स्वामी आनंद गिरि का पासपोर्ट भी जमा करा लिया गया था.

मीडिया से बातचीत करते अंतरराष्ट्रीय योग गुरु.

अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के लगभग 7 महीने बाद प्रयागराज मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचे. उन्होंने कहा कि मैं बाल्य काल से सन्यासी हूं. 10 साल की उम्र में अपने पूज्य गुरुदेव व धर्म का अनुशरण करने के लिए पहले उनसे शिक्षा ली, जिसके बाद धर्म का प्रचार करने का सौभाग्य मिला.

प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत आनंद गिरि ने कहा कि एक ऐसा संक्रमण काल आया, जिसमें सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि सनातन धर्म की छवि धूमिल करने के लिए साजिश रची गई. उसमें सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि हमारे पूज्य गुरुदेव या मेरे चाहने वालों को जो कष्ट हुआ है, वह बेहद दुखदाई है लेकिन कोर्ट ने जो न्याय किया है, उससे मेरा यकीन बढ़ गया है कि मेरे पूज्य गुरुदेव ने जो ज्ञान दिया है, वह व्यर्थ नहीं गया.

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अंतरराष्ट्रीय योग गुरु ने कहा कि जिन लोगों ने मुझ पर आस्था और विश्वास जताया है, उनकी आस्था व्यर्थ नहीं गई है और आज जब सच की जीत हुई तो सनातन धर्म का चारों तरफ डंका बज रहा है. कोर्ट ने आरोप लगाने वाले शख्स को चेतावनी भी दी है, जिससे कि भविष्य में किसी को बेवजह न फंसाया जा सके.

Intro:मठ बाघमबारी गद्दी के उत्तराधिकारी अंतरराष्ट्रीय योग गुरु पहुंचे प्रयागराज!
ritesh singh
7007861412
अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरी महाराज प्रयागराज पहुंच गए हैं आज मठ बाघमबारी गद्दी पहुंचने पर उनके भक्तों व सुभ चिंतकों ने उनका जोरदार स्वागत किया! पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया मैं भक्तों के योगा सिखाने के लिए गए आनंद गिरि पर उनकी बेटा 2 महिलाओं ने अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी थी !स्वामी आनंद गिरी के बाद उनका पासपोर्ट जमा कर लिया गया था जिस कारण वह कहीं भी नहीं जा सकते थे!


Body:अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरी जी महाराज कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के लगभग 7 महीने बाद प्रयागराज मठ बाघमबारी गद्दी पहुंचे !छोटे महंत स्वामी आनंद गिरी ने कहा कि मैं बाल काल से सन्यासी हूं !10 वर्ष की आयु में अपने पूज्य गुरुदेव व धर्म का अनुसरण करने के लिए पहले उसकी शिक्षा ली उसके बाद धर्म का प्रचार करने का सौभाग्य मिला !लेकिन एक ऐसा संक्रमण काल आया इसमें सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि सनातन धर्म की छवि धूमिल करने के लिए साजिश रची! उसमें सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि हमारे पूज्य गुरुदेव या मेरे चाहने वालों को जो कष्ट हुआ है वह बेहद दुखदाई है! लेकिन कोर्ट ने जो न्याय किया है उससे मेरा यकीन बढ़ गया है! कि मेरे पूज्य गुरुदेव ने जो ज्ञान दिया है वह व्यर्थ नहीं गया और जिन लोगों ने मुझ पर आस्था और विश्वास किया है उनकी आस्था व्यर्थ नहीं गई है और आज जब सच की जीत हुई तो सनातन धर्म का उनका चारों तरफ डंका बज रहा है और कोर्ट ने जो आरोप लगाने वाले सक्स को चेतावनी भी दी है जिससे कि भविष्य में कभी दोस्त को बेवजह ना पाया जा सके!
बाइट ---आनंद गिरी


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