प्रयागराज: अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि महाराज मंगलवार को प्रयागराज पहुंच गए, जहां मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचने पर भक्तों व शुभ चिंतकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. दरअसल पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में भक्तों को योगा सिखाने के लिए गए आनंद गिरि पर 2 महिलाओं ने अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इतना ही नहीं, स्वामी आनंद गिरि का पासपोर्ट भी जमा करा लिया गया था.
अंतरराष्ट्रीय योग गुरु स्वामी आनंद गिरि कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के लगभग 7 महीने बाद प्रयागराज मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंचे. उन्होंने कहा कि मैं बाल्य काल से सन्यासी हूं. 10 साल की उम्र में अपने पूज्य गुरुदेव व धर्म का अनुशरण करने के लिए पहले उनसे शिक्षा ली, जिसके बाद धर्म का प्रचार करने का सौभाग्य मिला.
प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत आनंद गिरि ने कहा कि एक ऐसा संक्रमण काल आया, जिसमें सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि सनातन धर्म की छवि धूमिल करने के लिए साजिश रची गई. उसमें सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि हमारे पूज्य गुरुदेव या मेरे चाहने वालों को जो कष्ट हुआ है, वह बेहद दुखदाई है लेकिन कोर्ट ने जो न्याय किया है, उससे मेरा यकीन बढ़ गया है कि मेरे पूज्य गुरुदेव ने जो ज्ञान दिया है, वह व्यर्थ नहीं गया.
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अंतरराष्ट्रीय योग गुरु ने कहा कि जिन लोगों ने मुझ पर आस्था और विश्वास जताया है, उनकी आस्था व्यर्थ नहीं गई है और आज जब सच की जीत हुई तो सनातन धर्म का चारों तरफ डंका बज रहा है. कोर्ट ने आरोप लगाने वाले शख्स को चेतावनी भी दी है, जिससे कि भविष्य में किसी को बेवजह न फंसाया जा सके.