प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी की मौत के लगभग साल भर के बाद उनके कमरे को खोला गया है. इसको लेकर पुलिस और मजिस्ट्रेट के साथ ही सीबीआई की टीम भी बाघम्बरी गद्दी पहुंची थी, जिस वक्त महंत के कमरे का ताला खोला गया. उस समय कमरे की फोटो और वीडियोग्राफी भी करवाई गई. इसके साथ ही कमरे में मिलने वाले सामानों की एक लिस्ट भी तैयार की जा रही है. इसके अलावा मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कमरे को खोलने के बाद चाभी मठ के वर्तमान महंत बलवीर गिरी को दे दी जाएगी.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी का पिछले साल मठ स्थित कमरे में फंदे से लटकता हुआ शव मिला था. महन्त की मौत की जांच सीबीआई ने की और उनके शिष्य रहे आनंद गिरी और मंदिर के पुजारी पिता पुत्र को महंत के सुसाइड का जिम्मेदार बताया. महंत की मौत के बाद जहां एक तरफ सुसाइड वाले कमरे को सील किया गया था. वहीं, पुलिस ने मठ के अंदर पहली मंजिल पर बना हुआ वो कमरा भी सील कर दिया था, जिसमें महंत रहते थे.
मठ के उसी कमरे को खुलवाने को लेकर बाघम्बरी मठ के वर्तमान महंत बलवीर गिरी ने अफसरों से गुहार लगाने के साथ ही कोर्ट में अर्जी दी थी. कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को पुलिस और मजिस्ट्रेट के साथ ही सीबीआई टीम की मौजूदगी में उस कमरे का ताला खोला गया. इस दौरान पूरे कमरे की फोटो और वीडियोग्राफी भी करवाई गई. साथ ही कमरे में मिले सभी समानों की लिस्ट भी तैयार की गई. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में महंत बलवीर गिरी को कमरे की चाभी सौंप दी जाएगी.
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बताया जा रहा है कि सील कमरे को खोलकर चाभी वर्तमान महंत को सौंपने से पहले भी पुलिस और सीबीआई ने उस कमरे की जांच पड़ताल की है. इस दौरान सीबीआई पहले बनाई गई सामानों की लिस्ट और अभी मिले सामानों की लिस्ट का मिलान भी कर सकती है, जिससे यह पता चलेगा कि कमरे में कोई छेड़छाड़ तो नहीं कि गयी है.
साथ ही यह देखेगी की पहले या अब की जांच में कुछ नया सामान मिला या छूटा तो नहीं है. उसके बाद ही कमरे की चाभी वर्तमान महंत को सौंपी जाएगी. बता दें कि इस कमरे की सील खुलवाने के लिए बलवीर गिरी ने पुलिस प्रशासन के अफसरों से लेकर जनपद न्यायालय और उच्च न्यायालय तक मे अर्जी दाखिल की थी. गुरुवार को जिस वक्त इस कमरे को खोला गया है मीडिया को वहां से दूर रखा गया था.