प्रयागराज : लोमड़ी, एसपी सिटी, काला बम...ये कुछ ऐसे उपनाम हैं, जिसे सुनकर आप सोच में पड़ जाएंगे कि कोई क्यों इसे अपने नाम के साथ इन्हें जोड़ेगा. लेकिन प्रयागराज में ये ऐसे उपनाम वाले बदमाशों की लंबी फेहरिश्त है. कुछ बदमाशों को खास तरह के उपनाम उनकी कार्यशैली या किसी शातिराना काम में महारत के कारण मिले, मगर कई ने खुद ही अजीबोगरीब नाम रख लिए.
आइए नजर डालिए इन नामों पर
प्रयागराज के सबसे चर्चित माफिया अतीक अहमद को भी पहलवान और मोंछा के नाम से जाना जाता था. इसी तरह उसके गैंग में गुड्डू बमबाज, शूटर साबिर, अरमान बिहारी, जुल्फिकार उर्फ तोता, आसिफ उर्फ दुर्रानी, असाद कालिया, नफीस बिरयानी, एसपी सिटी जैसे नाम वाले कई बदमाश हैं. शहर की बात करें तो विनोद उर्फ लोमड़ी, काला बम, राजा कोलन्दर,पप्पू गंजिया, मुंडी पासी, मुन्ना टाइगर, बॉक्सर, सलीम लूला, जैसे नाम वाले तमाम बदमाश भी यहां हैं. मनोचिकित्सक कहते हैं कि आपराधिक किस्म के लोग अजीबोगरीब नाम इस वजह से रखते हैं, जिससे वे आसानी से चर्चा में आ सकें. लोग उनका नाम एक बार में याद कर लें और जल्दी भूल न सकें. कई बार बदमाशों की कार्यशैली या खास तरह की आपराधिक विशेषता के आधार पर उपनाम रख दिया जाता है.
बम से हमले में माहिर गुड्डू बमबाज, विनोद लोमड़ी चकमा देने में तेज
बदमाशों को मिले नाम के पीछे उनका अपराध करने का तरीका भी बड़ा कारण है. जैसे कि बम से हमला करने में एक्सपर्ट होने की वजह से गुड्डू का नाम गुड्डू बमबाज पड़ गया. इसी तरह गोली मारने में एक्सपर्ट होने पर शूटर साबिर और शूटर अरमान बिहारी, बम बनाने में एक्सपर्ट और चेहरा काला होने की वजह से काला बम और बम बनाते समय हाथ उड़ जाने से नाम पड़ गया सलीम लूला. विनोद यादव को उर्फ लोमड़ी चकमा देकर भागने में तेज है.
कोई नाम न भूले, इस वजह से रखते हैं अजीबोगरीब नाम
मनोविज्ञानशाला की मनोवैज्ञानिक रेनू सिंह ने बताया कि अपराधी अपना नाम चर्चित होने के लिए इस तरह के अजीबोगरीब नाम रखते हैं. माफिया या बदमाश जल्दी से लोगों के दिलों दिमाग में छाना चाहते हैं. कहती हैं, अपराधी अपनी हनक बनाने के लिए चर्चित नाम रखते हैं, जिससे उनका नाम आसानी से लोगों के जेहन में उतर सके. इसी कारण तमाम आपराधिक किस्म के लोगों के बीच इस तरह में अजीबोगरीब नाम रखने की परंपरा बन गई है.