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विधि-विधान के साथ किया होलिका दहन - haolika dahan in mohlla tola

यूपी के प्रयागराज और आगरा में विधि-विधान से होलिका दहन किया गया.आगरा के मोहल्ला टोला में होलिका दहन को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम किए थे.

प्रयागराज में होलिका दहन.
प्रयागराज में होलिका दहन.
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Published : Mar 28, 2021, 11:07 PM IST

प्रयागराजः होली के पूर्व संध्या पर प्रदेश भर में होलिका दहन किया गया. इसी कड़ी में प्रयागराज में रविवार देर शाम शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ होलिका दहन किया गया. स्थानीय लोगों के अनुसार होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इसी के बाद होली के गीतों पर लोग झूमते नाचते हैं. होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाता है. धार्मिक कथाओं के अुनसार होलिका दहन की कहानी विष्णु भक्त प्रहलाद, उसके राक्षस पिता हिरण्यकश्यप और उसकी बुआ होलिका से जुड़ी हुई है. मान्यता है कि होलिका की आग बुराई को जलाने का प्रतीक है. इसे छोटी होली के नाम से भी पुकारा जाता है. इसके अगले दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में होली मनाई जाती है.

प्रयागराज में होलिका दहन.

यह भी पढ़ें-जानिए...क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, बन रहे कौन-कौन से शुभ योग

संगीनों के साए में हुआ होलिका दहन
वहीं आगरा के कस्बा शमसाबाद के मोहल्ला टोला में होलिका दहन को लेकर पुलिस प्रशासन ने रविवार सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम किए थे. कस्बा शमसाबाद के मोहल्ला टोला और पथवारी मंदिर के पास होने वाले होलिका दहन स्थल दो समुदाय की मिश्रित आबादी के बीच में है. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुबह से ही पुलिस और पीएसी गांधी चौराहा, थाना चौराहा, दाऊजी मंदिर, पथवारी मंदिर मार्ग, मोहल्ला टोला पर तैनात रही. होलिका दहन स्थल पर शुभ मुहूर्त में आचार्य पंडित श्याम सुंदर शास्त्री ने विधि विधान से पूजा अर्चना कराई. विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद होलिका दहन हुआ. होलिका दहन के दौरान लोगों ने होली के गीत गाए तथा एक दूसरे को गुलाल लगाकर, गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी.

प्रयागराजः होली के पूर्व संध्या पर प्रदेश भर में होलिका दहन किया गया. इसी कड़ी में प्रयागराज में रविवार देर शाम शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ होलिका दहन किया गया. स्थानीय लोगों के अनुसार होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इसी के बाद होली के गीतों पर लोग झूमते नाचते हैं. होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाता है. धार्मिक कथाओं के अुनसार होलिका दहन की कहानी विष्णु भक्त प्रहलाद, उसके राक्षस पिता हिरण्यकश्यप और उसकी बुआ होलिका से जुड़ी हुई है. मान्यता है कि होलिका की आग बुराई को जलाने का प्रतीक है. इसे छोटी होली के नाम से भी पुकारा जाता है. इसके अगले दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में होली मनाई जाती है.

प्रयागराज में होलिका दहन.

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संगीनों के साए में हुआ होलिका दहन
वहीं आगरा के कस्बा शमसाबाद के मोहल्ला टोला में होलिका दहन को लेकर पुलिस प्रशासन ने रविवार सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम किए थे. कस्बा शमसाबाद के मोहल्ला टोला और पथवारी मंदिर के पास होने वाले होलिका दहन स्थल दो समुदाय की मिश्रित आबादी के बीच में है. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुबह से ही पुलिस और पीएसी गांधी चौराहा, थाना चौराहा, दाऊजी मंदिर, पथवारी मंदिर मार्ग, मोहल्ला टोला पर तैनात रही. होलिका दहन स्थल पर शुभ मुहूर्त में आचार्य पंडित श्याम सुंदर शास्त्री ने विधि विधान से पूजा अर्चना कराई. विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद होलिका दहन हुआ. होलिका दहन के दौरान लोगों ने होली के गीत गाए तथा एक दूसरे को गुलाल लगाकर, गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी.

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