प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पुलिस अभिरक्षा में जौनपुर के पुजारी यादव की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई है. हत्या आरोपी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार करने के लिए ठोस प्रयास न करने पर कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई जांच का तरीका कोर्ट को अधिकारी को तलब कर कड़े आदेश देने को विवश करने वाला है. फिर भी कोर्ट उन्हें सही जांच कर सीजेएम द्वारा दो माह पहले जारी गैर जमानती वारंट को अमल में लाने का एक मौका दे रही है.
कोर्ट ने कहा कि सीबीआई आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कुर्की जब्ती आदि कार्यवाही सहित सभी कानूनी उपाय करे. सीबीआई द्वारा जांच पूरी होने के बाद ही गिरफ्तार करने की दलील पर कोर्ट ने स्पष्टीकरण मांगा है. कोर्ट ने 29 नवंबर को सील बंद लिफाफे में विवेचना की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने अजय कुमार यादव की याचिका पर दिया है.
उल्लेखनीय है कि सीजेएम जौनपुर ने आरोपी पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए 6 सितंबर 2021 को गैर जमानती वारंट जारी किया है. वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि आरोपी फरार है. सीबीआई ने कहा जांच पूरी करने के बाद गिरफ्तार करेंगे.गैर जमानती वारंट जारी किए दो माह बीत चुके हैं और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया. इसी मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई के हलफनामे पर असंतोष जाहिर किया.
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सीबीआई ने अपने हलफनामे में आरोपी पुलिस अधिकारियों व संदिग्धों का पूरा ब्यौरा दिया गया है. कहा गया है कि कि गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं. उनके पते पर दबिश डाली जा रही है. कोर्ट ने कहा एक तरफ जांच पूरी होने पर गिरफ्तार करने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ गिरफ्तारी के लिए दबिश डाल रहे हैं, स्थिति साफ होनी चाहिए. सीबीआई के गिरफ्तारी के प्रयास केवल आई वाश भर है. ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.