प्रयागराज: हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर अली ट्रस्ट मामले में अवैध रूप से जमीन हथियाने के 27 आपराधिक केसों की सुनवाई पर रोक जारी रखी है. इससे अवैध रूप से जमीन कब्जाने वाले आपराधियों का राहत मिली है. कोर्ट राज्य सरकार का जवाब दाखिल होने के बाद याचिकाओं की सुनवाई करेगी. अगली सुनवाई 4 व 5अप्रैल को होगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर अली ट्रस्ट के रजिस्ट्रार अदीब आजम, निफत अफलाख, जकीउर्रहमान सिद्दीकी, मोहम्मद फसीह जैदी,सलीम कासिम,नसीर अहमद खां, मुश्ताक अहमद सिद्दीकी, के खिलाफ रामपुर की विशेष अदालत में चल रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई पर रोक जारी रखी. कुछ मामलों में राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया, तो कुछ में कोर्ट ने सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 4 व 5अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने नसीर अहमद खां व कई अन्य की याचिका पर दिया है. जिसमें कानून का उल्लघंन कर जबरन बैनामा कराने के आरोप में चल रहे 27 आपराधिक केसों व चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी गई है.
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याची का कहना है कि अजीमनगर थाने में दर्ज आपराधिक मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान (Former cabinet minister Azam Khan) सहित दर्जनों लोगों को आरोपित किया गया है. इन बैनामों से याची का कोई सरोकार नहीं है. याचियों का कहना है कि कोर्ट ने पुलिस चार्जशीट पर बिना विवेक का इस्तेमाल किए संज्ञान लिया है. मुख्य आरोप आजम खान व आले हसन पर लगाया गया है. हम लोगों ने न कोई बैनामा कराया और न ही किसी को धमकी दी है. सरकार का कहना है कि सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल है. अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप न किया जाए. कोर्ट राज्य सरकार का जवाब दाखिल होने के बाद याचिकाओं की सुनवाई करेगी.
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