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मिर्जापुर वेब सीरीज के लेखक-निर्देशक को हाईकोर्ट से राहत, उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वेब सीरीज मिर्जापुर के लेखक और निर्देशक को राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के तहत उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. सीरीज के लेखकों और निर्देशकों करन अंशुमान, गुरमीत सिंह, पुनीत कृष्णा और विनीत कृष्णा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर प्राथमिकी रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Feb 19, 2021, 10:45 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वेब सीरीज मिर्जापुर के लेखक और निर्देशक को राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के तहत उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है. सीरीज के लेखकों और निर्देशकों करन अंशुमान, गुरमीत सिंह, पुनीत कृष्णा और विनीत कृष्णा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर प्राथमिकी रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका पर न्यायमूर्ति प्रींतकर दिवाकर और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की.

मामले में विवेचना जारी

इससे पूर्व हाईकोर्ट ने 29 जनवरी को इसी मामले में सीरीज के निर्माता फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने कहा है कि मामले की विवेचना जारी रहेगी और याचीगण विवेचना में सहयोग करेंगे. यदि वे सहयोग नहीं करते हैं तो दी गई राहत निरस्त की जा सकेगी.

मिर्जापुर देहात कोतवाली में दर्ज है मुकदमा

मिर्जापुर सीरीज को लेकर मिर्जापुर कोतवाली देहात में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. आरोप है कि इस सीरीज से एक वर्ग विशेष की भावनाएं आहत हुई हैं और मिर्जापुर जिले की छवि को नुकसान पहुंचा है. सीरीज में मनगढंत तथ्य दिए गए हैं. सरकारी वकील का कहना था कि वेब सीरीज से लोगों की धार्मिक और सामाजिक भावनाएं आहत हुई हैं. जबकि याचीगण के अधिवक्ताओं का कहना था कि वेब सीरीज में दिखाए गए तथ्यों से कोई अपराध नहीं बनता है. सीरीज कल्पनाओं पर आधारित है. पात्र भी काल्पनिक हैं.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वेब सीरीज मिर्जापुर के लेखक और निर्देशक को राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के तहत उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है. सीरीज के लेखकों और निर्देशकों करन अंशुमान, गुरमीत सिंह, पुनीत कृष्णा और विनीत कृष्णा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर प्राथमिकी रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका पर न्यायमूर्ति प्रींतकर दिवाकर और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की.

मामले में विवेचना जारी

इससे पूर्व हाईकोर्ट ने 29 जनवरी को इसी मामले में सीरीज के निर्माता फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने कहा है कि मामले की विवेचना जारी रहेगी और याचीगण विवेचना में सहयोग करेंगे. यदि वे सहयोग नहीं करते हैं तो दी गई राहत निरस्त की जा सकेगी.

मिर्जापुर देहात कोतवाली में दर्ज है मुकदमा

मिर्जापुर सीरीज को लेकर मिर्जापुर कोतवाली देहात में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. आरोप है कि इस सीरीज से एक वर्ग विशेष की भावनाएं आहत हुई हैं और मिर्जापुर जिले की छवि को नुकसान पहुंचा है. सीरीज में मनगढंत तथ्य दिए गए हैं. सरकारी वकील का कहना था कि वेब सीरीज से लोगों की धार्मिक और सामाजिक भावनाएं आहत हुई हैं. जबकि याचीगण के अधिवक्ताओं का कहना था कि वेब सीरीज में दिखाए गए तथ्यों से कोई अपराध नहीं बनता है. सीरीज कल्पनाओं पर आधारित है. पात्र भी काल्पनिक हैं.

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