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8 साल से चकमार्ग से नहीं हटा अतिक्रमण, हाईकोर्ट ने मथुरा SSP-SDM से मांगा स्पष्टीकरण - मथुरा एसडीएम

मथुरा जिले में चकमार्ग से अतिक्रमण हटाने का निर्देश 22 दिसंबर 2012 को एसडीएम वृंदावन द्वारा दिया गया था, लेकिन अब तक यह अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के एसएसपी और एसडीएम से 21 अक्तूबर तक स्पष्टीकरण मांगा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट .
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Oct 3, 2020, 6:38 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 12:16 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के एसएसपी और एसडीएम से 21 अक्तूबर तक स्पष्टीकरण मांगा है कि 22 दिसंबर 2012 को एसडीएम वृंदावन द्वारा धारा 133 सीआरपीसी के तहत पारित आदेश को अब तक लागू क्यों नहीं किया गया है. इस आदेश में चकमार्ग से विपक्षियों के अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है.

कोर्ट ने अतिक्रमण के आरोपी विपक्षियों राधा चरण, हरि बल्लभ और राम कली निवासी अहिरपाड़ा वृंदावन को नोटिस जारी की है. याचिका की अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने रमेश व अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राघवेंद्र प्रसाद मिश्र ने बहस की.

याची अधिवक्ता का कहना है कि चकमार्ग पर कब्जा कर अवैध निर्माण करने को लेकर एसडीएम वृंदावन ने हटाने का आदेश दिया. इसके खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी खारिज हो गई फिर भी निर्माण हटाया नहीं जा सका. इस पर याची ने हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने धारा 133 में अवैध निर्माण हटाने को लेकर एसडीएम को कार्रवाई का आदेश दिया.

याची अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई. दबाव में कुछ निर्माण ढहाया गया, लेकिन विपक्षियों ने दोबारा उस पर कब्जा कर लिया. इसकी शिकयात जिलाधिकारी से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो यह याचिका दोबारा दाखिल की गई, जिस पर कोर्ट ने पूछा है कि 2012 में अवैध कब्जा हटाने के आदेश पर अब तक अमल क्यों नहीं किया जा सका है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के एसएसपी और एसडीएम से 21 अक्तूबर तक स्पष्टीकरण मांगा है कि 22 दिसंबर 2012 को एसडीएम वृंदावन द्वारा धारा 133 सीआरपीसी के तहत पारित आदेश को अब तक लागू क्यों नहीं किया गया है. इस आदेश में चकमार्ग से विपक्षियों के अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है.

कोर्ट ने अतिक्रमण के आरोपी विपक्षियों राधा चरण, हरि बल्लभ और राम कली निवासी अहिरपाड़ा वृंदावन को नोटिस जारी की है. याचिका की अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने रमेश व अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राघवेंद्र प्रसाद मिश्र ने बहस की.

याची अधिवक्ता का कहना है कि चकमार्ग पर कब्जा कर अवैध निर्माण करने को लेकर एसडीएम वृंदावन ने हटाने का आदेश दिया. इसके खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी खारिज हो गई फिर भी निर्माण हटाया नहीं जा सका. इस पर याची ने हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने धारा 133 में अवैध निर्माण हटाने को लेकर एसडीएम को कार्रवाई का आदेश दिया.

याची अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई. दबाव में कुछ निर्माण ढहाया गया, लेकिन विपक्षियों ने दोबारा उस पर कब्जा कर लिया. इसकी शिकयात जिलाधिकारी से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो यह याचिका दोबारा दाखिल की गई, जिस पर कोर्ट ने पूछा है कि 2012 में अवैध कब्जा हटाने के आदेश पर अब तक अमल क्यों नहीं किया जा सका है.

Last Updated : Oct 4, 2020, 12:16 PM IST
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