प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में एक गलत उत्तर के लिए एक नंबर देने से जुड़ी अवमानना याचिका पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी एवं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से दो सप्ताह में हलफनामा मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने विजय कुमार भारती की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी और राहुल कुमार मिश्र एवं अन्य को सुनकर दिया है. याची के अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि न्यायालय ने 25 अगस्त 2021 को 9 मई 2020 को परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा जारी गलत उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली याचिका पर याची को एक नंबर देने का आदेश दिया था.
इस मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से हार चुकी है उसके बावजूद याची को एक नंबर देने का आदेश का अनुपालन अब तक नहीं किया गया है. कोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को 25 अगस्त 2021 एवं 12 जनवरी 2023 के आदेश का पालन करने संबंधी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति की मांग में दाखिल अवमानना याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने सभी 15 याचियों को एक अंक देते हुए दो माह के अंदर नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि याचिका दाखिल करने वाले सभी 2249 अभ्यर्थियों को भी इस आदेश का लाभ मिलेगा. साथ ही मेरिट तैयार कर कट ऑफ में आने पर इन 15 याचियों के साथ अन्य अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति देने को कहा था.
कोर्ट ने यह भी कहा था कि याची यदि कट ऑफ में आते हैं तो दो माह के भीतर प्रकिया पूर्ण कर नियुक्ति प्रदान की जाए. कोर्ट ने कहा था कि दो माह में नियुक्ति न दिए जाने पर याचियों को आदेश का रिकॉल की छूट दी थी. हाईकोर्ट में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल और सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी पेश हुए थे. सचिव बेसिक शिक्षा परिषद एवं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि 26 नवंबर को अनु सचिव ने सचिव परिक्षा नियामक प्राधिकारी को शासनादेश भेजा था. जिसमें अवमानना याचिकाओं में शामिल 15 याचियों को एक अंक देते हुए सूची सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजने का निर्देश दिया था. परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने सूची भेज दी है. सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने कहा था कि अन्य अभ्यर्थियों को भी एक अंक देकर 15 दिन के भीतर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को रिकॉर्ड भेज देंगे. लेकिन अब तक आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है.