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भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क न पहनने वालों की ड्रोन से करें निगरानी: हाईकोर्ट

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Published : Nov 24, 2020, 7:15 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कहा कि प्रदेश के कोरोना प्रभावित जिलों के भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क न पहनने वाले लोगों की ड्रोन से निगरानी करें. कोर्ट ने कम से कम अगले 30 दिनों तक मास्क पहनने की सघन निगरानी करने का निर्देश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित छह जिलों में मास्क पहनने के नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए कड़ी निगरानी करने का निर्देश‌ दिया है. कोर्ट ने कहा कि इन जिलों में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे भीड़भाड़ वाले इलाके की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाए. खाने-पीने के सामान खुले में न बेचने का आदेश अगले छह सप्ताह तक और लागू रहेगा. कोर्ट ने कम से कम अगले 30 दिनों तक मास्क पहनने की सघन निगरानी करने का निर्देश दिया है.

कोरोना संक्रमण से निपटने की सरकार की तैयारियों की निगरानी कर रही न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा और न्यायाधीश अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि प्रयागराज और कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर और गौतम बुद्ध नगर में भी इसी प्रकार का अभियान चलाया जाए और उपलब्ध ड्रोन कैमरों से चौबीसों घंटे निगरानी की जाए.

वहीं एसएसपी प्रयागराज ने बताया कि सतत निगरानी के लिए चार-चार कांस्टेबलों की टीम बनाई गई है. एसएसपी ने जिले के अन्य अधिकारियों को भी अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम चार घंटे की निगरानी रिपोर्ट प्रतिदिन संबंधित थाना प्रभारी को सौंपने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सभी एडवोकेट कमिश्नर से कहा है कि कांस्टेबलों की जो सूची एसएसपी द्वारा दी गई, उस पर लिखे मोबाइल नंबरों के जरिए वह उनकी निगरानी करें अथवा किसी अन्य तरीके से भी निगरानी कर सकते हैं.

कोर्ट ने अगली सुनवाई पर सर्विलांस की रिपोर्ट पेश करने का अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को निर्देश दिया है. एडवोकेट कमिश्नर ने जानकारी दी कि सड़क के किनारे खाने-पीने की दुकान लगाने वाले खुले में सामान न बेचने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि स्थानीय खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग यह सुनिश्चित करे कि खाने की चीजें सिर्फ पैक‌िंग में ही बेची जाएं. खुले में कोई खाने का सामान न बेचने पाए. यह नियम अगले छह सप्ताह तक और जारी रहेगा. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई तीन दिसंबर को रिपोर्ट मांगी है.

वहीं कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर कोर्ट ने आईसीएमआर की डॉ. निवेदिता गुप्ता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. उन्होंने कोर्ट को टीकाकरण कार्यक्रम की प्र‌गति की जानकारी दी और भरोसा दिलाया कि कोरोना वैक्सीन निकट भविष्य में उपलब्ध हो जाएगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित छह जिलों में मास्क पहनने के नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए कड़ी निगरानी करने का निर्देश‌ दिया है. कोर्ट ने कहा कि इन जिलों में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे भीड़भाड़ वाले इलाके की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाए. खाने-पीने के सामान खुले में न बेचने का आदेश अगले छह सप्ताह तक और लागू रहेगा. कोर्ट ने कम से कम अगले 30 दिनों तक मास्क पहनने की सघन निगरानी करने का निर्देश दिया है.

कोरोना संक्रमण से निपटने की सरकार की तैयारियों की निगरानी कर रही न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा और न्यायाधीश अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि प्रयागराज और कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर और गौतम बुद्ध नगर में भी इसी प्रकार का अभियान चलाया जाए और उपलब्ध ड्रोन कैमरों से चौबीसों घंटे निगरानी की जाए.

वहीं एसएसपी प्रयागराज ने बताया कि सतत निगरानी के लिए चार-चार कांस्टेबलों की टीम बनाई गई है. एसएसपी ने जिले के अन्य अधिकारियों को भी अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम चार घंटे की निगरानी रिपोर्ट प्रतिदिन संबंधित थाना प्रभारी को सौंपने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सभी एडवोकेट कमिश्नर से कहा है कि कांस्टेबलों की जो सूची एसएसपी द्वारा दी गई, उस पर लिखे मोबाइल नंबरों के जरिए वह उनकी निगरानी करें अथवा किसी अन्य तरीके से भी निगरानी कर सकते हैं.

कोर्ट ने अगली सुनवाई पर सर्विलांस की रिपोर्ट पेश करने का अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को निर्देश दिया है. एडवोकेट कमिश्नर ने जानकारी दी कि सड़क के किनारे खाने-पीने की दुकान लगाने वाले खुले में सामान न बेचने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि स्थानीय खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग यह सुनिश्चित करे कि खाने की चीजें सिर्फ पैक‌िंग में ही बेची जाएं. खुले में कोई खाने का सामान न बेचने पाए. यह नियम अगले छह सप्ताह तक और जारी रहेगा. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई तीन दिसंबर को रिपोर्ट मांगी है.

वहीं कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर कोर्ट ने आईसीएमआर की डॉ. निवेदिता गुप्ता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. उन्होंने कोर्ट को टीकाकरण कार्यक्रम की प्र‌गति की जानकारी दी और भरोसा दिलाया कि कोरोना वैक्सीन निकट भविष्य में उपलब्ध हो जाएगी.

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