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आदेश की अवहेलना करने पर दूसरी याचिका अवमानना कार्यवाही का विकल्प नहीं है - हाईकोर्ट - अवैध रूप से पेड़ कटाई पर रोक

हाईकोर्ट ने अवैध रूप से पेड़ काटने पर रोक लगाने व कार्रवाई करने का आदेश जारी करने की मांग को लेकर की गई याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं करने पर दूसरी याचिका अवमानना याचिका का विकल्प नहीं हो सकती है.

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Published : Jun 23, 2022, 3:40 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं करने पर दूसरी याचिका अवमानना याचिका का विकल्प नहीं हो सकती है. जनहित याचिका पर कोर्ट ने निश्चित समय में प्रत्यावेदन तय करने का निर्देश दिया था. याची ने इसका पालन नहीं किया गया था. याची ने इस आदेश की अवमानना कार्यवाही नहीं की और कोर्ट में दुबारा याचिका दायर की थी.

इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि जंगल का अतिक्रमण करके अवैध रूप से पेड़ काटने पर रोक लगाने व कार्रवाई करने का समादेश जारी करने की मांग में याचिका दाखिल की गई है. लेकिन पेड़ कौन काट रहा, इसका विस्तृत ब्योरा नहीं दिया गया है. याचिका में सुसंगत तथ्यों की कमी होने के कारण कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और याचिका को भ्रामक मानते हुए खारिज कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने रामपुर के अली अहमद की जनहित याचिका पर दिया है. याची का कहना था कि अज्ञात लोगों ने वन भूमि का अतिक्रमण कर लिया है और पेड़ों को काटा जा रहा है. जिला प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं करने पर दूसरी याचिका अवमानना याचिका का विकल्प नहीं हो सकती है. जनहित याचिका पर कोर्ट ने निश्चित समय में प्रत्यावेदन तय करने का निर्देश दिया था. याची ने इसका पालन नहीं किया गया था. याची ने इस आदेश की अवमानना कार्यवाही नहीं की और कोर्ट में दुबारा याचिका दायर की थी.

इस मामले पर कोर्ट ने कहा कि जंगल का अतिक्रमण करके अवैध रूप से पेड़ काटने पर रोक लगाने व कार्रवाई करने का समादेश जारी करने की मांग में याचिका दाखिल की गई है. लेकिन पेड़ कौन काट रहा, इसका विस्तृत ब्योरा नहीं दिया गया है. याचिका में सुसंगत तथ्यों की कमी होने के कारण कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और याचिका को भ्रामक मानते हुए खारिज कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने रामपुर के अली अहमद की जनहित याचिका पर दिया है. याची का कहना था कि अज्ञात लोगों ने वन भूमि का अतिक्रमण कर लिया है और पेड़ों को काटा जा रहा है. जिला प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

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