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कानपुर आगजनी मामले में सपा विधायक के सहयोगी महबूब आलम की अग्रिम जमानत खारिज - इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

कानपुर आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी के सहयोगी महबूब आलम की अग्रिम जमानत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है.

High court news
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Published : Apr 25, 2023, 9:59 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर के जाजमऊ क्षेत्र में सपा विधायक इरफान सोलंकी की साजिश से मकान में आगजानी कर जमीन पर कब्जा करने के आरोपी महबूब आलम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने महबूब आलम के अधिवक्ता और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड को सुनकर दिया है.

एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल व एजीए प्रथम एके संड जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि प्रार्थी के विरुद्ध निचली अदालत के आदेश पर कुर्की की कारवाई की जा चुकी है. इसके अलावा उसका लंबा अपराधिक इतिहास भी है. प्रार्थी का नाम विवेचना के दौरान स्वतंत्र व चश्मदीद गवाहों के बयानों में आया है. वहीं, महबूब आलम के अधिवक्ता का कहना था कि प्रार्थी का नाम एफआईआर में नहीं है. उसका नाम विवेचना के दौरान राजनीतिक कारणों से इस मामले में जोड़ा गया है.

मामले के तथ्यों के अनुसार आठ नवंबर 2022 को नजीर फातिमा ने जाजमऊ थाने में आईपीसी की धारा 436, 506, 504, 147, 427, 386 व 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज कराकर आरोप लगाया कि सपा विधायक इरफान सोलंकी व उसके भाई रिजवान सोलंकी सहित कई अन्य ने साजिश के तहत उसके घर में आग लगवा दी ताकि वे उसके भूखंड पर कब्जा कर सकें. आग से उसकी सारी गृहस्थी जलकर राख हो गई. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.

इसे भी पढ़ें-Municipal Elections In UP : भाजपा मेयर प्रत्याशी प्रमिला पांडेय के पास सबसे ज्यादा सोना

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर के जाजमऊ क्षेत्र में सपा विधायक इरफान सोलंकी की साजिश से मकान में आगजानी कर जमीन पर कब्जा करने के आरोपी महबूब आलम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्र ने महबूब आलम के अधिवक्ता और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड को सुनकर दिया है.

एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल व एजीए प्रथम एके संड जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि प्रार्थी के विरुद्ध निचली अदालत के आदेश पर कुर्की की कारवाई की जा चुकी है. इसके अलावा उसका लंबा अपराधिक इतिहास भी है. प्रार्थी का नाम विवेचना के दौरान स्वतंत्र व चश्मदीद गवाहों के बयानों में आया है. वहीं, महबूब आलम के अधिवक्ता का कहना था कि प्रार्थी का नाम एफआईआर में नहीं है. उसका नाम विवेचना के दौरान राजनीतिक कारणों से इस मामले में जोड़ा गया है.

मामले के तथ्यों के अनुसार आठ नवंबर 2022 को नजीर फातिमा ने जाजमऊ थाने में आईपीसी की धारा 436, 506, 504, 147, 427, 386 व 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज कराकर आरोप लगाया कि सपा विधायक इरफान सोलंकी व उसके भाई रिजवान सोलंकी सहित कई अन्य ने साजिश के तहत उसके घर में आग लगवा दी ताकि वे उसके भूखंड पर कब्जा कर सकें. आग से उसकी सारी गृहस्थी जलकर राख हो गई. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.

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