प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मारपीट और जानलेवा हमले के मामले में माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद अली अहमद की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. हालांकि, अली की जमानत पर पक्ष रखने के लिए उनकी तरफ से कोई अधिवक्ता उपस्थित नहीं हुआ. कोर्ट में सरकारी वकीलों ने जमानत अर्जी की सुनवाई में अदालत का सहयोग किया. अली की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने सुनवाई की.
कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद का बेटा है. जिसके खिलाफ हत्या, अपहरण, रंगदारी, फिरौती जैसे सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. खुद अली के खिलाफ भी हत्या के प्रयास और रंगदारी वसूलने जैसे चार मुकदमे दर्ज हैं. हाल ही में उसका नाम राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में भी सामने आया है.
जिस मामले में अली ने जमानत अर्जी दाखिल की थी उसके अनुसार वादी मुकदमा 31 दिसंबर 2021 को जब अपने घर पर मौजूद था. उस समय करीब 3:45 बजे अली अहमद 20-25 लोगों के साथ तीन गाड़ियों में उसके घर पर पहुंचा और फोन पर अपने पिता अतीक अहमद जो कि साबरमती जेल में समय बंद है उनसे बात करने के लिए कहा. जब वादी मुकदमा ने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो उसे पिस्टल, तमंचा और राइफल की बट से मारा पीटा गया.
वादी ने भागने की कोशिश की तो उस पर पीछे से फायर किया गया. इससे वादी को कई चोटें आई थी. कोर्ट ने कहा कि माफिया डॉन में अपराध के जरिए कई सौ करोड़ की संपत्ति बना ली है. अली खुद भी माफिया डॉन है और उमेश पाल हत्याकांड में नामजद हुआ है. इस प्रकार के अपराधी का जेल से बाहर आना गवाहों और समाज के लिए खतरा होगा. कोर्ट ने जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है.