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अधिकारियों के विरोधाभासी बयान देने पर HC ने जताई नाराज़गी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा न्यायालय में विरोधाभासी बयान देने पर नाराजगी जताई है.

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अधिकारियों के विरोधाभासी बयान देने पर HC ने जताई नाराज़गी
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Published : Dec 9, 2022, 9:25 PM IST

Updated : Dec 9, 2022, 10:49 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा न्यायालय में विरोधाभासी बयान देने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विरोधाभासी हलफनामा देने के मामले में न्यायालय और गहराई में जाए, उससे पहले इस पर व्यावहारिक तरीके से स्पष्टीकरण दिया जाए. माध्यमिक शिक्षा विभाग में रिक्तियों को भरने और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों के रिक्त पदों को भरने के मामले में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक और प्रमुख सचिव माध्यमिक द्वारा परस्पर विरोधाभासी हलफनामा दिए जाने को कोर्ट ने बहुत गंभीरता से लिया है. साथ ही कहा कि इन दोनों अधिकारियों में से किसी एक का हलफनामा झूठा या गलत है.

गोरखपुर के गांधी इंटर कॉलेज की याचिका पर अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी को सुनने के बाद न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने राज्य सरकार से अगली सुनवाई पर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया लगता है कि प्रदेश के उच्च पदस्थ अधिकारी विरोधाभासी झूठा बयान न्यायालय में दे रहे हैं. इस स्तर पर हम उसके विस्तार में नहीं जा रहे हैं. सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि विभिन्न वित्त पोषित प्राइवेट संस्थाओं में प्रधानाचार्य के 1688 पद रिक्त हैं, जिन्हें सीधी भर्ती से भरा जाना है. इसके लिए लगभग 11816 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार होना है. इसी प्रकार 624 पद प्रवक्ता के हैं, जिन पर 3000 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार होना है. निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाली रिक्तियां अलग से हैं. कोर्ट ने कहा कि यह सामने आ रहा है कि चयन प्रक्रिया कभी भी समय से नहीं हो सकी. चयन बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल आठ अप्रैल 2022 को समाप्त हो चुका है. तत्कालीन मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने हलफनामा देकर छह सप्ताह में बोर्ड का गठन कर देने का आश्वासन दिया था. 12 सप्ताह बीत जाने के बाद भी बोर्ड का गठन नहीं किया गया है. कोर्ट ने दो अधिकारियों द्वारा दिए गए विरोधाभासी बयान और बड़ी संख्या में रिक्तियों को भरे जाने को लेकर अगली सुनवाई पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

ये भी पढ़ेंः बच्ची के शरीर पर मिले बालों ने दी 'गवाही', रेप के बाद हत्या करने वाले को मिली फांसी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा न्यायालय में विरोधाभासी बयान देने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विरोधाभासी हलफनामा देने के मामले में न्यायालय और गहराई में जाए, उससे पहले इस पर व्यावहारिक तरीके से स्पष्टीकरण दिया जाए. माध्यमिक शिक्षा विभाग में रिक्तियों को भरने और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों के रिक्त पदों को भरने के मामले में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक और प्रमुख सचिव माध्यमिक द्वारा परस्पर विरोधाभासी हलफनामा दिए जाने को कोर्ट ने बहुत गंभीरता से लिया है. साथ ही कहा कि इन दोनों अधिकारियों में से किसी एक का हलफनामा झूठा या गलत है.

गोरखपुर के गांधी इंटर कॉलेज की याचिका पर अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी को सुनने के बाद न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने राज्य सरकार से अगली सुनवाई पर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया लगता है कि प्रदेश के उच्च पदस्थ अधिकारी विरोधाभासी झूठा बयान न्यायालय में दे रहे हैं. इस स्तर पर हम उसके विस्तार में नहीं जा रहे हैं. सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि विभिन्न वित्त पोषित प्राइवेट संस्थाओं में प्रधानाचार्य के 1688 पद रिक्त हैं, जिन्हें सीधी भर्ती से भरा जाना है. इसके लिए लगभग 11816 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार होना है. इसी प्रकार 624 पद प्रवक्ता के हैं, जिन पर 3000 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार होना है. निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाली रिक्तियां अलग से हैं. कोर्ट ने कहा कि यह सामने आ रहा है कि चयन प्रक्रिया कभी भी समय से नहीं हो सकी. चयन बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल आठ अप्रैल 2022 को समाप्त हो चुका है. तत्कालीन मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने हलफनामा देकर छह सप्ताह में बोर्ड का गठन कर देने का आश्वासन दिया था. 12 सप्ताह बीत जाने के बाद भी बोर्ड का गठन नहीं किया गया है. कोर्ट ने दो अधिकारियों द्वारा दिए गए विरोधाभासी बयान और बड़ी संख्या में रिक्तियों को भरे जाने को लेकर अगली सुनवाई पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

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Last Updated : Dec 9, 2022, 10:49 PM IST
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