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66 हजार करोड़ का शाइन सिटी घोटाला, जांच की प्रगति से हाईकोर्ट असंतुष्ट - Serious Fraud Investigating Agency

शाइन सिटी घोटाले की जांच की प्रगति पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर असंतोष जताया है. कोर्ट ने अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए जांच कार्य में और तेजी लाने का निर्देश दिया है.

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Published : Nov 4, 2022, 10:40 PM IST

प्रयागराज: लगभग 66 हजार करोड़ के शाइन सिटी घोटाले की जांच की प्रगति पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर असंतोष जताया है. कोर्ट के निर्देश पर ईडी, ईओडब्ल्यू और एसएफआईए के वरिष्ठ अधिकारी अदालत में उपस्थित हुए. कोर्ट ने इन अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए जांच कार्य में और तेजी लाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि कंपनी के भगोड़े सीएमडी राशिद के दुबई से प्रत्यर्पण के कार्य में तेजी लाई जाए.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ कर रही है. कोर्ट के निर्देश पर ईडी और आर्थिक अपराध शाखा के डायरेक्टर जनरल तथा सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी(Serious Fraud Investigating Agency) के ज्वाइंट डायरेक्टर अदालत में उपस्थित हुए. इन अधिकारियों ने कोर्ट को जांच की प्रगति से अवगत कराया. बताया कि कंपनी के अधिकारियों द्वारा जेल में रहते हुए या दुबई से जिन फ्लैट या प्लाटों की रजिस्ट्री की गई है. उन सभी को सीज करने की कार्रवाई की जा रही है.

निवेशकों की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि कंपनी इस जांच और कार्रवाई के बावजूद यूट्यूब के माध्यम से अपना कारोबार चला रही है. हर दिन कई यूट्यूब वीडियो डाले जाते हैं, देश के कई राज्यों और विदेशों तक में प्रॉपर्टी खरीदने बेचने का काम होता है और बकायदा अपना ब्रोशर भी जारी कर रही है.

अधिवक्ता ने अदालत में खुलासा करते हुए कहा कि उनके पास दो लोगों की बीच की बातचीत का ऑडियो क्लिप है. जिसमें अदालतों को भी मैनेज करने की बात की जा रही है. करोड़ों रुपए के लेन-देन की बात है. अधिवक्ता ने वह ऑडियो क्लिप अदालत में भी पेश की. बताया कि जांच एजेंसी को भी इस ऑडियो क्लिप को उपलब्ध कराया गया है. इस पर कोर्ट ने एक मामले की जांच करने का निर्देश दिया.

अपर सॉलीसीटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने कोर्ट को बताया कि कंपनी के सीएमडी का दुबई से प्रत्यर्पण संबंधित सभी कार्यवाही उनके स्तर से पूरी कर दी गई है. अब विदेश मंत्रालय के समक्ष लंबित है. कोर्ट ने प्रत्यर्पण की कार्रवाई में तेजी लाने और समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई दिसंबर में होगी.

यह भी पढ़ें: अभ्यार्थियों ने दारोगा सीधी भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका

प्रयागराज: लगभग 66 हजार करोड़ के शाइन सिटी घोटाले की जांच की प्रगति पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर असंतोष जताया है. कोर्ट के निर्देश पर ईडी, ईओडब्ल्यू और एसएफआईए के वरिष्ठ अधिकारी अदालत में उपस्थित हुए. कोर्ट ने इन अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित करते हुए जांच कार्य में और तेजी लाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि कंपनी के भगोड़े सीएमडी राशिद के दुबई से प्रत्यर्पण के कार्य में तेजी लाई जाए.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ कर रही है. कोर्ट के निर्देश पर ईडी और आर्थिक अपराध शाखा के डायरेक्टर जनरल तथा सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी(Serious Fraud Investigating Agency) के ज्वाइंट डायरेक्टर अदालत में उपस्थित हुए. इन अधिकारियों ने कोर्ट को जांच की प्रगति से अवगत कराया. बताया कि कंपनी के अधिकारियों द्वारा जेल में रहते हुए या दुबई से जिन फ्लैट या प्लाटों की रजिस्ट्री की गई है. उन सभी को सीज करने की कार्रवाई की जा रही है.

निवेशकों की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि कंपनी इस जांच और कार्रवाई के बावजूद यूट्यूब के माध्यम से अपना कारोबार चला रही है. हर दिन कई यूट्यूब वीडियो डाले जाते हैं, देश के कई राज्यों और विदेशों तक में प्रॉपर्टी खरीदने बेचने का काम होता है और बकायदा अपना ब्रोशर भी जारी कर रही है.

अधिवक्ता ने अदालत में खुलासा करते हुए कहा कि उनके पास दो लोगों की बीच की बातचीत का ऑडियो क्लिप है. जिसमें अदालतों को भी मैनेज करने की बात की जा रही है. करोड़ों रुपए के लेन-देन की बात है. अधिवक्ता ने वह ऑडियो क्लिप अदालत में भी पेश की. बताया कि जांच एजेंसी को भी इस ऑडियो क्लिप को उपलब्ध कराया गया है. इस पर कोर्ट ने एक मामले की जांच करने का निर्देश दिया.

अपर सॉलीसीटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने कोर्ट को बताया कि कंपनी के सीएमडी का दुबई से प्रत्यर्पण संबंधित सभी कार्यवाही उनके स्तर से पूरी कर दी गई है. अब विदेश मंत्रालय के समक्ष लंबित है. कोर्ट ने प्रत्यर्पण की कार्रवाई में तेजी लाने और समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई दिसंबर में होगी.

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