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निकायों के सफाई इंस्पेक्टरों से खाद्य निरीक्षक का काम लेने पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक - सफाई इंस्पेक्टर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकायों के सफाई इंस्पेक्टरों से खाद्य निरीक्षक का काम लेने वाले आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सचिव नगर विकास एवं सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 6, 2024, 8:59 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की विशेष अपीलीय खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है. जिसमें प्रदेश के नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई इंस्पेक्टरों से फूड इंस्पेक्टर का भी काम करने का निर्देश दिया गया था. खंडपीठ ने नगर विकास विभाग के सचिव और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के सचिवों से इस मामले में दो सप्ताह में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और एसक्यूएच रिजवी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील पर दिया है.

प्रदेश के स्थानीय निकाय की तरफ से दाखिल विशेष अपील में एकल पीठ के 21 मार्च 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है. इस आदेश में एकल पीठ ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह नगर निगमों के सेनेटरी इंस्पेक्टर्स को उनके काम के साथ फूड इंस्पेक्टर का भी काम देने के लिए ट्रेनिंग कराएं और अधिसूचना जारी करें.

कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी एवं अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने कहा कि प्रदेश के नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई इंस्पेक्टरों से फूड इंस्पेक्टर का काम नहीं लिया जा सकता. क्योंकि इनकी नियुक्ति सेनेटरी इंस्पेक्टर के काम के लिए हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 एवं फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रूल्स 2011 के अमल में आने के बाद फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर का नया पद हो गया है. इसके लिए फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग बन गया है. इसी विभाग द्वारा फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाती है और यह नियुक्ति अधिसूचना जारी होने के बाद करने का प्रावधान है.

सेनेटरी इंस्पेक्टर्स जो नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत हैं, वे नगर विकास के कर्मचारी हैं, इसलिए उनसे फूड इंस्पेक्टर्स का काम नहीं लिया जा सकता. फूड इंस्पेक्टर्स की ओर से अधिवक्ता अशोक खरे का कहना था कि सेनेटरी इंस्पेक्टर्स की शैक्षिक योग्यता फूड सेफ्टी ऑफिसर्स की शैक्षिक योग्यता के बराबर है. सेनेटरी इंस्पेक्टर की योग्यता फूड सेफ्टी ऑफिसर्स की योग्यता के समान कर दी गई है. इसलिए याची भी फूड इंस्पेक्टर का काम करने के लिए योग्य हैं. कोर्ट ने इस मामले में सरकार की दलीलों से प्रथम दृष्टया सहमति जताते हुए एकल पीठ के आदेश के अमल पर रोक लगा दी है. कोर्ट इस विशेष अपील पर अब 23 जनवरी को सरकार का जवाब आने के बाद पुनः सुनवाई करेगी.

इसे भी पढ़ें-इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को मिली हाईकोर्ट से बड़ी राहत, याचिका मंजूर

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की विशेष अपीलीय खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है. जिसमें प्रदेश के नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई इंस्पेक्टरों से फूड इंस्पेक्टर का भी काम करने का निर्देश दिया गया था. खंडपीठ ने नगर विकास विभाग के सचिव और फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के सचिवों से इस मामले में दो सप्ताह में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और एसक्यूएच रिजवी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील पर दिया है.

प्रदेश के स्थानीय निकाय की तरफ से दाखिल विशेष अपील में एकल पीठ के 21 मार्च 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है. इस आदेश में एकल पीठ ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह नगर निगमों के सेनेटरी इंस्पेक्टर्स को उनके काम के साथ फूड इंस्पेक्टर का भी काम देने के लिए ट्रेनिंग कराएं और अधिसूचना जारी करें.

कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी एवं अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने कहा कि प्रदेश के नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई इंस्पेक्टरों से फूड इंस्पेक्टर का काम नहीं लिया जा सकता. क्योंकि इनकी नियुक्ति सेनेटरी इंस्पेक्टर के काम के लिए हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 एवं फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रूल्स 2011 के अमल में आने के बाद फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर का नया पद हो गया है. इसके लिए फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग बन गया है. इसी विभाग द्वारा फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाती है और यह नियुक्ति अधिसूचना जारी होने के बाद करने का प्रावधान है.

सेनेटरी इंस्पेक्टर्स जो नगर निगमों एवं अन्य स्थानीय निकायों में कार्यरत हैं, वे नगर विकास के कर्मचारी हैं, इसलिए उनसे फूड इंस्पेक्टर्स का काम नहीं लिया जा सकता. फूड इंस्पेक्टर्स की ओर से अधिवक्ता अशोक खरे का कहना था कि सेनेटरी इंस्पेक्टर्स की शैक्षिक योग्यता फूड सेफ्टी ऑफिसर्स की शैक्षिक योग्यता के बराबर है. सेनेटरी इंस्पेक्टर की योग्यता फूड सेफ्टी ऑफिसर्स की योग्यता के समान कर दी गई है. इसलिए याची भी फूड इंस्पेक्टर का काम करने के लिए योग्य हैं. कोर्ट ने इस मामले में सरकार की दलीलों से प्रथम दृष्टया सहमति जताते हुए एकल पीठ के आदेश के अमल पर रोक लगा दी है. कोर्ट इस विशेष अपील पर अब 23 जनवरी को सरकार का जवाब आने के बाद पुनः सुनवाई करेगी.

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