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कनिष्ठ अभियंताओं के खाली पद भरने की मांग पर हाईकोर्ट ने आयोग से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 के विकलांग कोटे की भर्ती के खाली पदों सहित लोक सेवा आयोग के कनिष्ठ अभियंताओं के खाली पदों को भरने की मांग पर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व लोक सेवा आयोग से जानकारी मांगी है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट
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Published : Feb 24, 2020, 11:34 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 के विकलांग कोटे के खाली 4 पदों सहित लोक सेवा आयोग के कनिष्ठ अभियंताओं के खाली पदों को भरने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार और आयोग से जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला ने अनिल कुमार वर्मा और 3 अन्य की याचिका पर दिया है. इस याचिका पर अधिवक्ता आदर्श सिंह ने बहस की.

याची का कहना है कि उन्होंने कनिष्ठ अभियंता मेकेनिकल भर्ती में आवेदन किया था. इसके काफी पद खाली रह गये, इन पदों को भरने की मांग की गयी है. वहीं सरकारी वकील का कहना था कि इस मामले की सुनवाई खंडपीठ द्वारा भी की जा रही है. कोर्ट ने सुनवाई स्थगित करते हुए जानकारी मांगी है. अब इस याचिका की अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी.

ओएमआर शीट में प्रविष्टियां न भरना मानवीय भूल नहीं

एक अन्य मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की ओएमआर शीट में अनुक्रमांक, प्रश्न पुस्तिका, सीरीज क्रमांक या अन्य प्रविष्टियां न भरने को मानवीय भूल नहीं माना जा सकता. इन गलतियों पर ओएमआर शीट की जांच नहीं की जा सकती. ऐसी गलती करने वाले भूल सुधार की मांग नहीं कर सकते. ओएमआर शीट का प्रथम भाग सही से भरा है और दूसरा भाग जिसमें उत्तर भरे जाते हैं उसमें त्रुटि को मानवीय भूल माना जाएगा. ऐसी गलती पर ओएमआर शीट के मूल्यांकन करने से इंकार नहीं किया जा सकता.

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने सुखवीर सिंह एवं मनोज कुमार व 99 अन्य की याचिकाओं पर दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आर.के ओझा, पीसी त्रिपाठी और शिवेन्दु ओझा ने बहस की. पहले मामले में टीजीटी हिंदी प्रवक्ता पद की भर्ती में ओएमआर सीट के प्रथम भाग को भरने में लापरवाही बरतने में हुई गलती को सुधारने की मांग की गयी थी.

टीजीटी सिलाई सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए योग्य

हाईकोर्ट ने कहा कि उप्र इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के चैप्टर दो परिशिष्ट (ए) के आइटम नंबर 44 के उपखंड ए या बी मे निर्धारित अर्हता रखने वाले अभ्यर्थियों को टीजीटी सिलाई सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए योग्य करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि इन उपबंधों के तहत निर्धारित अर्हता न रखने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने उपखंड ए व बी दोनों की अर्हता न रखने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार करने से इंकार करने के माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के सचिव प्रयागराज के 31अक्तूबर 18 के आदेश को रद्द कर दिया है. इसी के साथ एक माह में परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी केशरवानी ने हरिशंकर साहू सहित कई अन्य याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, सीमान्त सिंह व राज्य सरकार के अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पक्ष रखा. याचियों ने हाईस्कूल सिलाई अध्यापक पद की भर्ती में आवेदन किया. सवाल उठा कि हाईस्कूल में सिलाई विषय की अर्हता रखने वाले सहायक अध्यापक बन सकते हैं या नहीं.

इसे भी पढे़ं-इलाहाबाद विवि के प्रोफेसरों ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत, बजट को बताया अच्छा

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2013 के विकलांग कोटे के खाली 4 पदों सहित लोक सेवा आयोग के कनिष्ठ अभियंताओं के खाली पदों को भरने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार और आयोग से जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला ने अनिल कुमार वर्मा और 3 अन्य की याचिका पर दिया है. इस याचिका पर अधिवक्ता आदर्श सिंह ने बहस की.

याची का कहना है कि उन्होंने कनिष्ठ अभियंता मेकेनिकल भर्ती में आवेदन किया था. इसके काफी पद खाली रह गये, इन पदों को भरने की मांग की गयी है. वहीं सरकारी वकील का कहना था कि इस मामले की सुनवाई खंडपीठ द्वारा भी की जा रही है. कोर्ट ने सुनवाई स्थगित करते हुए जानकारी मांगी है. अब इस याचिका की अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी.

ओएमआर शीट में प्रविष्टियां न भरना मानवीय भूल नहीं

एक अन्य मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की ओएमआर शीट में अनुक्रमांक, प्रश्न पुस्तिका, सीरीज क्रमांक या अन्य प्रविष्टियां न भरने को मानवीय भूल नहीं माना जा सकता. इन गलतियों पर ओएमआर शीट की जांच नहीं की जा सकती. ऐसी गलती करने वाले भूल सुधार की मांग नहीं कर सकते. ओएमआर शीट का प्रथम भाग सही से भरा है और दूसरा भाग जिसमें उत्तर भरे जाते हैं उसमें त्रुटि को मानवीय भूल माना जाएगा. ऐसी गलती पर ओएमआर शीट के मूल्यांकन करने से इंकार नहीं किया जा सकता.

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने सुखवीर सिंह एवं मनोज कुमार व 99 अन्य की याचिकाओं पर दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आर.के ओझा, पीसी त्रिपाठी और शिवेन्दु ओझा ने बहस की. पहले मामले में टीजीटी हिंदी प्रवक्ता पद की भर्ती में ओएमआर सीट के प्रथम भाग को भरने में लापरवाही बरतने में हुई गलती को सुधारने की मांग की गयी थी.

टीजीटी सिलाई सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए योग्य

हाईकोर्ट ने कहा कि उप्र इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के चैप्टर दो परिशिष्ट (ए) के आइटम नंबर 44 के उपखंड ए या बी मे निर्धारित अर्हता रखने वाले अभ्यर्थियों को टीजीटी सिलाई सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए योग्य करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि इन उपबंधों के तहत निर्धारित अर्हता न रखने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने उपखंड ए व बी दोनों की अर्हता न रखने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार करने से इंकार करने के माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के सचिव प्रयागराज के 31अक्तूबर 18 के आदेश को रद्द कर दिया है. इसी के साथ एक माह में परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी केशरवानी ने हरिशंकर साहू सहित कई अन्य याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, सीमान्त सिंह व राज्य सरकार के अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पक्ष रखा. याचियों ने हाईस्कूल सिलाई अध्यापक पद की भर्ती में आवेदन किया. सवाल उठा कि हाईस्कूल में सिलाई विषय की अर्हता रखने वाले सहायक अध्यापक बन सकते हैं या नहीं.

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