बलरामपुर : बनकटवा रेंज के एक गांव में रविवार की रात तेंदुए ने हमला कर एक महिला को घायल कर दिया. महिला के शोर मचाने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो तेंदुआ भाग गया. वन विभाग की टीम ने घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया. सोहेलवा वन क्षेत्र में तेंदुए का हमला लगातार जारी है. तेंदुआ अब तक 6 बच्चों की जान भी ले चुका है. काफी लोग घायल भी हो चुके हैं. इसके बावजूद वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ नहीं पा रही है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश है.
वनाधिकारी सैम मारन एम ने बताया कि बनकटवा रेंज के झिरहरिवा गांव में ज्ञानवती (50) अपने घर के बरामदे में सो रही थी. रविवार की रात तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया. उसके पंजे से महिला का बायां हाथ जख्मी हो गया. महिला के शोर मचाने पर लाठी-डंडे लेकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो तेंदुआ फरार हो गया.
सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम ने घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया. वनाधिकारी ने बताया कि तेंदुए की तलाश के लिए वन विभाग की 2 टीमें लगाई गईं हैं. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे खुले में न सोए. घर के आसपास उजाला रखें. तेंदुए के हमलों की संभावनाओं को देखते हुए जल्द ही जंगल से लगे क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. वन जीवों के हमलों से बचाव के उपाय बताए जाएंगे.
सोहेलवा वन क्षेत्र से सटे लगभग 60 गांवों में तेंदुए का आतंक जारी है. साल के शुरुआत से लेकर अब तक तेंदुए का हमला जारी है. हर महीने तेंदुआ 5 से 6 लोगों को घायल कर रहा है. वर्ष के शुरुआत में तेंदुए ने एक के बाद एक करके 6 बच्चों को मार डाला था. ग्रामीणों के अनुसार करीब 10 से 15 सालों से वे तेंदुए के खौफ में जी रहे हैं. कुछ महीनों की शांति के बाद तेंदुआ फिर सक्रिय हो जाता है.
ग्रामीणों की ओर से कई बार इस समस्या को लेकर प्रदर्शन भी किया जा चुका है. इसके बाद वन विभाग सक्रिय हुआ. दिल्ली एवं कोलकोता से तेंदुओं को पकड़ने के लिए टीमें बुलाई गईं. कड़ी मशक्कत के बाद एक पखवाड़े में 3 आदमखोर तेंदुओं को पकड़कर कानपुर, गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा गया था. इसके बाद ग्रामीणों को कुछ समय के लिए राहत मिली थी. अब फिर से तेंदुए ने हमले करके ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है.
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