ETV Bharat / state

न्यायविद हनुमान मंदिर ध्वस्तीकरण के खिलाफ दायर याचिका पर हुई सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास स्थित न्यायविद हनुमान मंदिर ध्वस्तीकरण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गई. इस मामले में अब अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी.

author img

By

Published : Dec 29, 2020, 5:55 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास स्थित न्यायविद हनुमान मंदिर ध्वस्तीकरण के खिलाफ जनहित याचिका की सुनवाई अब 12 जनवरी को होगी. याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने याची को पूरक हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है.

याची अधिवक्ता वी सी श्रीवास्तव व शरद चंद्र मिश्र ने कोर्ट से अनुरोध किया कि कुछ ऐसे तथ्य जानकारी में आए हैं जिनका याचिका की सुनवाई के लिए हलफनामे के जरिए कोर्ट के समक्ष रखना जरूरी है, जिसपर कोर्ट ने समय दिया.

याची अधिवक्ता का कहना है कि मंदिर देश की स्वतंत्रता के पहले से बना हुआ है. इसलिए उसकी स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता. वैसे भी पीडीए ने जो नक्शा दिया है, उसमें मंदिर की जगह पार्क दिखाया गया है. ऐसे में विकास के नाम पर मंदिर हटाना जरूरी नहीं है. पार्क के लिए मंदिर नहीं हटाया जा सकता. मंदिर के आसपास हरियाली लाकर मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जा सकता है. पीडीए के अधिकारियों की मंदिर ध्वस्तीकरण कार्रवाई विधिसम्मत नहीं है. मनमानी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.

याचिका अधिवक्ता सुनीता शर्मा व अन्य की तरफ से दाखिल कर ध्वस्तीकरण कार्रवाई को चुनौती दी गई है. एडीए चौराहे को विकसित करने के लिए मंदिर को शिफ्ट करना चाहता है. अधिवक्ता लगातार एडीए के इस कदम का विरोध कर रहे हैं.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास स्थित न्यायविद हनुमान मंदिर ध्वस्तीकरण के खिलाफ जनहित याचिका की सुनवाई अब 12 जनवरी को होगी. याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने याची को पूरक हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है.

याची अधिवक्ता वी सी श्रीवास्तव व शरद चंद्र मिश्र ने कोर्ट से अनुरोध किया कि कुछ ऐसे तथ्य जानकारी में आए हैं जिनका याचिका की सुनवाई के लिए हलफनामे के जरिए कोर्ट के समक्ष रखना जरूरी है, जिसपर कोर्ट ने समय दिया.

याची अधिवक्ता का कहना है कि मंदिर देश की स्वतंत्रता के पहले से बना हुआ है. इसलिए उसकी स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता. वैसे भी पीडीए ने जो नक्शा दिया है, उसमें मंदिर की जगह पार्क दिखाया गया है. ऐसे में विकास के नाम पर मंदिर हटाना जरूरी नहीं है. पार्क के लिए मंदिर नहीं हटाया जा सकता. मंदिर के आसपास हरियाली लाकर मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जा सकता है. पीडीए के अधिकारियों की मंदिर ध्वस्तीकरण कार्रवाई विधिसम्मत नहीं है. मनमानी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.

याचिका अधिवक्ता सुनीता शर्मा व अन्य की तरफ से दाखिल कर ध्वस्तीकरण कार्रवाई को चुनौती दी गई है. एडीए चौराहे को विकसित करने के लिए मंदिर को शिफ्ट करना चाहता है. अधिवक्ता लगातार एडीए के इस कदम का विरोध कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.