प्रयागराज: बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्र ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष हरिशंकर सिंह के कार्य करने पर रोक लगा दी है. साथ ही 14 मार्च के बाद इनके द्वारा जारी सभी आदेशों को स्थगित करते हुए उन्हें बार काउंसिल की आम सभा में रखने का निर्देश दिया है. 15 मई को अध्यक्ष ने 72 लाख रुपये के गवन के आरोपी सचिव राम जीत सिंह यादव का निलंबन रद्द करते हुए बहाल कर दिया था.
उपाध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र नगरहा को सौंपा गया अध्यक्ष का कार्यभार
उपाध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र नगरहा को अध्यक्ष का कार्यभार सौंपा गया है. बार काउंसिल आफ इंडिया के सचिव श्रीमन्तो सेन ने हरिशंकर सिंह को नोटिस जारी कर सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की 10 दिन के भीतर सफाई मांगी है. पूर्व अध्यक्ष सिंह पर आरोप है कि उन्होंने ने बिना प्राधिकार के ऐसे लिपिक के जरिए संयुक्त रूप से बैंक खाता खुलवाया, जिसे ऐसा करने का अधिकार नहीं है. इस खाते में पंजीकरण से प्राप्त लाखों रूपये जमा कराए. बिना बार काउंसिल की सहमति के निलंबित सचिव को मनमाने ढंग से बहाल कर दिया, जो हाईकोर्ट जज की जांच में 72 लाख रुपये के गवन के दोषी पाए गए हैं.
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प्रदेश के बार काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य श्रीनाथ त्रिपाठी ने इस पर कार्रवाई की मांग की. कहा गया कि अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर मनमानी पर उतारू हैं. उनका कार्यकाल आठ जून को समाप्त हो रहा है. चुनाव के लिए बैठक बुलाने से लॉकडाउन के बहाने इनकार कर दिया है. बार काउंसिल के अध्यक्ष की लूट में लगे हैं. तत्काल कार्रवाई की जाए.