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अफजाल अंसारी को गैंगस्टर में बरी करने के मामले में सरकार ने मांगा समय, 14 अक्टूबर को सुनवाई

अफजाल अंसारी को गैंगस्टर में बरी करने के मामले में जवाब के लिए सरकार ने कोर्ट से समय की मांग की है. इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख नियत की है.

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Published : Sep 12, 2022, 8:01 PM IST

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को आरोप के स्तर पर ही गैंगस्टर एक्ट से बरी करने के मामले में सरकार की ओर से जवाब के लिए समय मांगे जाने पर सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख लगाई है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनाते हुए दिया है.

एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा वर्ष 2007 में दर्ज हुआ था. यह मुकदमा अफजाल अंसारी के कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी होने के आधार पर दर्ज किया गया था. वर्ष 2019 में सांसद अंसारी को कृष्णानंद राय हत्याकांड के आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया. इस पर अधीनस्थ अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सांसद को आरोप के स्तर पर ही गैंगस्टर एक्ट के मामले में डिस्चार्ज करने का प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसे निचली अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस बिंदु पर निर्णय ट्रायल पूर्ण होने पर होगा.

उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि निगरानी अधीनस्थ अदालत के इसी आदेश के विरुद्ध है, जिसमें उन्होंने तर्क दिया है कि जिस मुकदमे के आधार पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था, अफजाल अंसारी को उसमें दोषमुक्त कर दिया गया है और वह वर्तमान में गाजीपुर से सांसद भी हैं. ऐसे में उन्हें गैंगस्टर एक्ट के मामले में आरोप के स्तर पर ही बरी किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी केस में कोर्ट का फैसला, जारी रहेगी श्रंगार गौरी पूजा मामले की सुनवाई

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को आरोप के स्तर पर ही गैंगस्टर एक्ट से बरी करने के मामले में सरकार की ओर से जवाब के लिए समय मांगे जाने पर सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख लगाई है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनाते हुए दिया है.

एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा वर्ष 2007 में दर्ज हुआ था. यह मुकदमा अफजाल अंसारी के कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी होने के आधार पर दर्ज किया गया था. वर्ष 2019 में सांसद अंसारी को कृष्णानंद राय हत्याकांड के आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया. इस पर अधीनस्थ अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सांसद को आरोप के स्तर पर ही गैंगस्टर एक्ट के मामले में डिस्चार्ज करने का प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसे निचली अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस बिंदु पर निर्णय ट्रायल पूर्ण होने पर होगा.

उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि निगरानी अधीनस्थ अदालत के इसी आदेश के विरुद्ध है, जिसमें उन्होंने तर्क दिया है कि जिस मुकदमे के आधार पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था, अफजाल अंसारी को उसमें दोषमुक्त कर दिया गया है और वह वर्तमान में गाजीपुर से सांसद भी हैं. ऐसे में उन्हें गैंगस्टर एक्ट के मामले में आरोप के स्तर पर ही बरी किया जाना चाहिए.

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