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जून में ही उफनाई गंगा, संगम की रेती पर कई फिट बढ़ा जलस्तर

प्रयागराज में जून के महीने में ही गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ने से संगम घाट पर दुकान लगाने वालों की मुसीबत बढ़ गयी है. करीब 5 फिट पानी बढ़ने से संगम पर रखी चौकी व दुकानें जलमग्न हो गयीं. संगम के पुरोहित और दुकानदार अपने सामानों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं.

जून में ही उफनाई गंगा
जून में ही उफनाई गंगा
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Published : Jun 2, 2021, 9:19 PM IST

प्रयागराज : संगम नगरी में जून महीने की शुरुआत के साथ ही गंगा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. अचानक से इस मौसम में पानी का लेवल बढ़ने से संगम तट पर लगने वाली दुकानें और पुरिहितों के घाटों तक पानी पहुंच गया. बुधवार की सुबह जब ये लोग घाट पर पहुंचे तो देखा कि उनके सामान पानी में डूब रहे हैं. इसके बाद लोगों ने अपने तख्ते व दूसरे सामानों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया.

जून में ही उफनाई गंगा

पहली बार जून में पानी बढ़ने का दावा
सालों से संगम किनारे लोगों को टीका चंदन लगाकर उससे मिलने वाली दक्षिणा से घर परिवार चलाने वाले पुरोहितों का दावा है कि इससे पहले उन्होंने कभी नहीं देखा कि जून के महीने में गंगा के पानी में इतनी बढ़ोत्तरी हुई हो. अचानक पानी बढ़ने से संगम घाट पर पुरोहितों की चौकी भी पानी में रातों रात डूब गयी है. लेकिन घाट लगाने वालों का कहना है कि उन्हें भी ऐसा अनुमान नहीं था कि रात भर में इस तरह से पानी बढ़ेगा कि उनकी चौकी छप्पर तक पहुंच जाएगा.
मंगलवार रात से पानी बढ़ना शुरू हुआ
संगम के तट पर जमीन में दुकान लगाने वाले पटरी दुकानदारों का कहना है कि जिस रास्ते से वो दुकान लगाने के लिए संगम किनारे पहुंचते थे, दोपहर तक घाट के उस रास्ते पर भी पानी पहुंच गया. अब संगम स्नान करने जाने वाले श्रद्धालुओं को पानी से होकर ही संगम तट पर स्नान कर के जाना पड़ेगा. क्योंकि घाट पर जिस स्थान पर स्नान करते हैं गंगा का जल स्तर बढ़ने से पानी उसके पीछे से एक धारा बहने लगी है. जिस वजह से अब लोगों को पानी की उस धारा से गुजरकर ही संगम
पर स्नान करना पड़ेगा.


इसे भी पढे़ं- UP में सपा की नींद उड़ाएंगे ओवैसी!



पिछले दिनों हुई बरसात का है असर

संगम तट पर अचानक से जून महीने की शुरुआत के साथ ही गंगा में शुरू हुई इस बाढ़ के पीछे की मुख्य वजह, पिछले दिनों हुई बरसात बतायी जा रही है. पिछले दिनों तौकते व यास तूफान की वजह से कई पहाड़ी व मैदानी इलाकों में लगातार बरसात हुई है. उसी वजह से अचानक से इस मौसम में गंगा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. पहाड़ी इलाकों में हुई बरसात का पानी अब संगम नगरी तक पहुंचा है, जिससे अचानक गंगा का जल स्तर कुछ फिट तक बढ़ गया है. हालांकि इन लोगों का यह भी मानना है कि तूफान की वजह से हुई बरसात का ये नतीजा है और जल्द ही इस बढ़े हुए पानी से उन्हें राहत मिल जाएगी. क्योंकि ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के पहले कभी गंगा में बाढ़ नहीं आती है.


प्रयागराज : संगम नगरी में जून महीने की शुरुआत के साथ ही गंगा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. अचानक से इस मौसम में पानी का लेवल बढ़ने से संगम तट पर लगने वाली दुकानें और पुरिहितों के घाटों तक पानी पहुंच गया. बुधवार की सुबह जब ये लोग घाट पर पहुंचे तो देखा कि उनके सामान पानी में डूब रहे हैं. इसके बाद लोगों ने अपने तख्ते व दूसरे सामानों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया.

जून में ही उफनाई गंगा

पहली बार जून में पानी बढ़ने का दावा
सालों से संगम किनारे लोगों को टीका चंदन लगाकर उससे मिलने वाली दक्षिणा से घर परिवार चलाने वाले पुरोहितों का दावा है कि इससे पहले उन्होंने कभी नहीं देखा कि जून के महीने में गंगा के पानी में इतनी बढ़ोत्तरी हुई हो. अचानक पानी बढ़ने से संगम घाट पर पुरोहितों की चौकी भी पानी में रातों रात डूब गयी है. लेकिन घाट लगाने वालों का कहना है कि उन्हें भी ऐसा अनुमान नहीं था कि रात भर में इस तरह से पानी बढ़ेगा कि उनकी चौकी छप्पर तक पहुंच जाएगा.
मंगलवार रात से पानी बढ़ना शुरू हुआ
संगम के तट पर जमीन में दुकान लगाने वाले पटरी दुकानदारों का कहना है कि जिस रास्ते से वो दुकान लगाने के लिए संगम किनारे पहुंचते थे, दोपहर तक घाट के उस रास्ते पर भी पानी पहुंच गया. अब संगम स्नान करने जाने वाले श्रद्धालुओं को पानी से होकर ही संगम तट पर स्नान कर के जाना पड़ेगा. क्योंकि घाट पर जिस स्थान पर स्नान करते हैं गंगा का जल स्तर बढ़ने से पानी उसके पीछे से एक धारा बहने लगी है. जिस वजह से अब लोगों को पानी की उस धारा से गुजरकर ही संगम
पर स्नान करना पड़ेगा.


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पिछले दिनों हुई बरसात का है असर

संगम तट पर अचानक से जून महीने की शुरुआत के साथ ही गंगा में शुरू हुई इस बाढ़ के पीछे की मुख्य वजह, पिछले दिनों हुई बरसात बतायी जा रही है. पिछले दिनों तौकते व यास तूफान की वजह से कई पहाड़ी व मैदानी इलाकों में लगातार बरसात हुई है. उसी वजह से अचानक से इस मौसम में गंगा के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. पहाड़ी इलाकों में हुई बरसात का पानी अब संगम नगरी तक पहुंचा है, जिससे अचानक गंगा का जल स्तर कुछ फिट तक बढ़ गया है. हालांकि इन लोगों का यह भी मानना है कि तूफान की वजह से हुई बरसात का ये नतीजा है और जल्द ही इस बढ़े हुए पानी से उन्हें राहत मिल जाएगी. क्योंकि ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के पहले कभी गंगा में बाढ़ नहीं आती है.


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