प्रयागराज: संगम नगरी में कोरोना के कहर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब शादी के लिए दूल्हे की पगड़ी और अंतिम संस्कार के लिए अर्थी का सामान एक ही दुकान पर बिक रहा है. शहर की जिस दुकान में सौ साल से दूल्हे-दुल्हन और शादी ब्याह से जुड़े सामान बिकते थे. आज उसमें कोरोना ने कब्जा कर रखा है. अब इस दुकान में अर्थी का सामान भी बिकता है.
जरूरत के मुताबिक दुकानदार ने लिया फैसला
पुराने शहर में कोतवाली के पास शादी ब्याह के रस्मों से जुड़े सामानों को बेचने वाली तमाम दुकानें हैं. इन दुकानों में दूल्हे का साफा, पगड़ी व शूट बेचा जाता है. इन्हीं में से एक पुरुषोत्तम श्रीवास्तव साफा हाउस नाम की सालों पुरानी दुकान है. डब्बू श्रीवास्तव की तीन पीढ़ियों ने दूल्हे-दुल्हन के गहने, कपड़े और सजावट के समान बेचने और किराये पर देने का काम किया है, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. अब कोरोना के चलते इस दुकान में अर्थी और अंतिम संस्कार से जुड़े सामान भी बेचे जाते हैं.
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इन दिनों श्रीवास्तव साफा हाउस में पैर रखने की भी जगह नहीं बची है, क्योंकि उनकी दुकान में अंतिम संस्कार से जुड़े सामान ज्यादा भरे हुए हैं. उन्होंने अंतिम संस्कार के सामानों की एक लिस्ट भी प्रिंट करवाकर बाहर रखी है, जिसमें सभी सामानों का नाम लिखा है. वहीं इलाके के दूसरे व्यापारियों का कहना है कि डब्बू की दुकान कम चलती थी, जिस वजह से उसने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए दुकान में अंतिम संस्कार से जुड़े सामानों की बिक्री शुरू कर दी.
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दुकानदार के अनुसार ये वक्त की जरूरत है
दुकान मालिक डब्बू श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों कोरोना के चलते शादी-ब्याह कैंसिल हो रहे हैं. जिससे उन्हें आर्थिक रूप से तंगी का शिकार होना पड़ रहा है. कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में रोजाना लोगों की मौतें हो रही है, जिस कारण अर्थी के सामानों की डिमांड बढ़ गई है. दुकानदार का दावा है कि बाजार की इस जरूरत को समझते हुए उन्होंने पुस्तैनी धंधे के साथ ही अर्थी व अंतिम संस्कार से जुड़े सामानों को बेचना शुरू कर दिया.