प्रयागराज: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव (Marxist Communist Party) व पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात ने प्रयागराज में केंद्र सरकार पर तमाम आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले कौन थे, इसकी पहचान हमें करनी होगी. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी बताएं कि आरएसएस का वो कौन नेता कार्यकर्ता है जो असहयोग आंदोलन में शामिल रहा हो. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश के सेक्युलर और संघीय ढांचे को समाप्त करने पर आमादा है.
माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य पूर्व सांसद सुभाषिनी अली (CPI(M) Politburo member Subhashini Ali) को यूपी में 2022 के चुनाव में सत्ता परिवर्तन होने की उम्मीद दिख रही है. उनका कहना है की यूपी में जाति धर्म को बांटने की राजनीति करने की वह से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तक के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं. ऐसे में विपक्ष एकजुट हो जाए तो 2022 में बीजेपी को पुनः सत्ता पाने से रोका जा सकता है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का 23वां राज्य सम्मेलन शुरू
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का प्रयागराज में शनिवार से तीन दिवसीय 23वां राज्य सम्मेलन शुरू हो गया है. पहले दिन आज का दौर और महात्मा गांधी विषय पर वक्ताओं ने विचार रखे. इस दौरान प्रकाश करात ने केंद्र सरकार पर तमाम आरोप लगाए. उन्होंने कहाकि, जिनके पूर्वज आजादी के आंदोलन का विरोध करते थे. आज उन्हीं के वंशज देश में हुकूमत कर रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा कि मोदी जी आरएसएस के एक ऐसे नेता का नाम बताएं जो आजादी की लड़ाई में शामिल होने की वजह से जेल गया हो. प्रकाश करात का आरोप है कि कई बार सवाल पूछने के बाद भी आज तक इस सवाल का जवाब नहीं मिला है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहाकि आजादी की लड़ाई के दौरान आरएसएस के लोग आश्रम और हिंदू संगठन बनाने में जुटे हुए थे. उस वक्त आरएसएस के लोगों यह निर्देश मिला था कि वो कहें कि उनका इस आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.
सुभाषिनी अली ने योगी सरकार पर साधा निशाना
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो की सदस्य व पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) पर जमकर हमला बोला. सुभाषिनी अली ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की सरकार जाति धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर राजनीति कर रही है, जिसका नतीजा भी सामने आया आ गया है. जनता को जातियों में बांटने वाले सरकार में प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच ही आपस में लड़ाई शुरू हो गई है. यही नहीं सुभाषिनी अली ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार तो नहीं बनने जा रही है, लेकिन हम यह प्रयास जरूर करेंगे कि यूपी में दोबारा भाजपा की सरकार न बने. इसके लिए उत्तर प्रदेश में सारा विपक्ष एकजुट होता दिख रहा है. ऐसा संभव है कि अगर, विपक्ष एकजुट हो जाए तो यूपी में भाजपा को दोबारा सत्ता में आने से रोका जा सकता है.
इसे भी पढ़ें-उद्योगपतियों ने लिखा कृषि कानून, सरकार ने पहनाया अमलीजामा: 'आप'
पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार महंगाई भ्रष्टाचार बेरोजगारी इन सब मुद्दों पर किसी भी समय बात कर नहीं रही है. सरकार सिर्फ जाति धर्म के नाम पर लोगों को लड़ा कर सत्ता हासिल करने में जुटी हुई है, जबकि उत्तर प्रदेश में हर वर्ग परेशान है. लोगों पर जुल्म अत्याचार बढ़े हैं, लेकिन सरकार सिर्फ अपनी सोच रही है और दोबारा कैसे सत्ता हासिल की जाए उसकी तैयारी में जुटी हुई है. माकपा के इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व विधायक व उत्तराखंड के प्रभारी रहे अनुग्रह नारायण सिंह भी मौजूद थे. अनुग्रह के इस कार्यक्रम के मौजूदगी को लेकर वहां तमाम तरह की चर्चाएं चल रही थी.