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प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों की नाराजगी सरकार को पड़ सकती है भारी...पढ़िए पूरी खबर

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Published : Jan 28, 2022, 3:28 PM IST

प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद सियासत का दौर तेज हो गया है. उधर, छात्रों ने इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी जताई है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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छात्रों की नाराजगी सरकार को पड़ सकती है भारी.

प्रयागराजः संगम में 25 जनवरी को छात्रों पर की हुए लाठीचार्ज को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी के साथ ही अखिलेश यादव और बसपा व आम आदमी पार्टी की तरफ से भी ट्वीट कर पुलिसिया उत्पीड़न की निंदा की गई है. सभी विपक्षी दल छात्रों से जुड़े इस मुद्दे को भुनाने में जुट गए हैं. वहीं, प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि सरकार के साथ ही किसी भी दल ने पांच सालों तक उनकी आवाज नहीं उठाई. राजनैतिक दल इस मुद्दे पर राजनीति कतई न करें. इसके साथ ही छात्रों ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.


छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठियां बरसाने और लॉज में तोड़फोड़ की घटना को लेकर सभी राजनैतिक दलों ने यूपी की भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.कांग्रेस के साथ ही सपा बसपा और आम आदमी पार्टी की तरफ से भी छात्रों को इंसाफ देने की मांग की जा रही है.
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पीड़ित छात्रों से बातचीत कर उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया है. प्रियंका गांधी ने छात्रों से कहा है कि वे हॉस्टल और लॉज को पुलिस के भय से छोड़कर न जाएं बल्कि छात्र शांतिपूर्वक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करें. वहीं, समाजवादी पार्टी और बसपा के साथ ही आम आदमी पार्टी की तरफ से भी छात्रों पर लाठियां बरसाने वाले पुलिसकर्मियों और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

यह बोले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय.



प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने इस मामले में दलों से राजनीति न करने की अपील की है. उन्होंने कहा सभी विपक्षी दलों से अपील की है कि छात्रों से जुड़े इस मुद्दे पर कोई भी राजनीति न करें. बीते 5 साल में भारतीय जनता पार्टी के साथ ही दूसरे विपक्षी दलों ने भी छात्रों के हित के लिए कोई खास आवाज नहीं उठाई.ऐसे में किसी भी राजनीतिक दल को छात्रों से जुड़े इस मुद्दे पर राजनीति करने का अधिकार नहीं है.


गौरतलब है कि प्रयागराज में मंगलवार को रेलवे परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर प्रतियोगी छात्रों ने रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इसके बाद रेलवे ट्रैक पर विरोध कर रहे छात्रों को पुलिस ने लाठियां भांजकर खदेड़ दिया था. साथ ही लॉज में घुसकर दरवाजा खिड़की तोड़ने का प्रयास करते हुए छात्रों को जमकर पीटा. इसके बाद प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की तरफ से इस मामले में जिले के एसएसपी पर लाठाचार्ज करवाने का आरोप लगा. समिति का आरोप था कि एसएसपी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की गई है. एसएसपी पर कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है.


ये भी पढ़ेंः UP Election 2022: भाजपा ने जारी की 91 प्रत्याशियों की सूची, देखें लिस्ट

2022 के चुनाव से ठीक पहले छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की घटना को भुनाने में सभी विपक्षी दल जुट गए हैं.प्रयागराज की इस घटना की वजह से प्रदेश भर के प्रतियोगी छात्रों में सरकार के प्रति आक्रोश फैल रहा है. इस वजह से चुनाव में वर्तमान सरकार को छात्रों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
जिस तरह से लॉज के अंदर घुसकर छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, उनके कमरों में तोड़फोड़ की घटना हुई उससे एक बार फिर से सरकार के प्रति नाराजगी उजागर हो गई है. इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया.



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प्रयागराजः संगम में 25 जनवरी को छात्रों पर की हुए लाठीचार्ज को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी के साथ ही अखिलेश यादव और बसपा व आम आदमी पार्टी की तरफ से भी ट्वीट कर पुलिसिया उत्पीड़न की निंदा की गई है. सभी विपक्षी दल छात्रों से जुड़े इस मुद्दे को भुनाने में जुट गए हैं. वहीं, प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि सरकार के साथ ही किसी भी दल ने पांच सालों तक उनकी आवाज नहीं उठाई. राजनैतिक दल इस मुद्दे पर राजनीति कतई न करें. इसके साथ ही छात्रों ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.


छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठियां बरसाने और लॉज में तोड़फोड़ की घटना को लेकर सभी राजनैतिक दलों ने यूपी की भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.कांग्रेस के साथ ही सपा बसपा और आम आदमी पार्टी की तरफ से भी छात्रों को इंसाफ देने की मांग की जा रही है.
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पीड़ित छात्रों से बातचीत कर उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया है. प्रियंका गांधी ने छात्रों से कहा है कि वे हॉस्टल और लॉज को पुलिस के भय से छोड़कर न जाएं बल्कि छात्र शांतिपूर्वक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करें. वहीं, समाजवादी पार्टी और बसपा के साथ ही आम आदमी पार्टी की तरफ से भी छात्रों पर लाठियां बरसाने वाले पुलिसकर्मियों और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

यह बोले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय.



प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने इस मामले में दलों से राजनीति न करने की अपील की है. उन्होंने कहा सभी विपक्षी दलों से अपील की है कि छात्रों से जुड़े इस मुद्दे पर कोई भी राजनीति न करें. बीते 5 साल में भारतीय जनता पार्टी के साथ ही दूसरे विपक्षी दलों ने भी छात्रों के हित के लिए कोई खास आवाज नहीं उठाई.ऐसे में किसी भी राजनीतिक दल को छात्रों से जुड़े इस मुद्दे पर राजनीति करने का अधिकार नहीं है.


गौरतलब है कि प्रयागराज में मंगलवार को रेलवे परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर प्रतियोगी छात्रों ने रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इसके बाद रेलवे ट्रैक पर विरोध कर रहे छात्रों को पुलिस ने लाठियां भांजकर खदेड़ दिया था. साथ ही लॉज में घुसकर दरवाजा खिड़की तोड़ने का प्रयास करते हुए छात्रों को जमकर पीटा. इसके बाद प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की तरफ से इस मामले में जिले के एसएसपी पर लाठाचार्ज करवाने का आरोप लगा. समिति का आरोप था कि एसएसपी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की गई है. एसएसपी पर कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है.


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2022 के चुनाव से ठीक पहले छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की घटना को भुनाने में सभी विपक्षी दल जुट गए हैं.प्रयागराज की इस घटना की वजह से प्रदेश भर के प्रतियोगी छात्रों में सरकार के प्रति आक्रोश फैल रहा है. इस वजह से चुनाव में वर्तमान सरकार को छात्रों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
जिस तरह से लॉज के अंदर घुसकर छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, उनके कमरों में तोड़फोड़ की घटना हुई उससे एक बार फिर से सरकार के प्रति नाराजगी उजागर हो गई है. इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया.



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