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जांच रिपोर्ट पर सफाई का मौका दिए बगैर बर्खास्तगी न्याय के विपरीत है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्तगी से पहले कर्मचारी को रिपोर्ट की प्रति देकर बचाव करने का मौका न देना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है. अदालत ने विभागीय कार्रवाई नियमानुसार पूरी करने का आदेश दिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
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Published : Jan 5, 2022, 10:25 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्तगी से पहले कर्मचारी को रिपोर्ट की प्रति देकर बचाव करने का मौका न देना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है. महाराजगंज नगर पंचायत ने जांच रिपोर्ट पर कर्मचारी को जवाब दाखिल करने का अवसर न देकर मूलभूत गलती की है.

खंडपीठ ने एकलपीठ के बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर नियोजक को नये सिरे से कार्रवाई करने के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने नगर पंचायत महाराजगंज के अध्यक्ष की तरफ से दाखिल विशेष अपील को निस्तारित करते हुए आदेश दिया है कि कर्मचारी को जांच रिपोर्ट की कापी दें और एक माह की कारण बताओ नोटिस जारी करें. इसके दो हफ्ते में कर्मचारी अपना जवाब दाखिल करे और उसके बाद दो हफ्ते में सुनवाई का मौका देकर आदेश पारित किया जाए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बर्खास्तगी आदेश रद्द किया जा चुका है, इसलिए निर्णय लेने तक कर्मचारी को सेवा के सारे लाभ पाने का हक है. यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति बी आर सिंह की खंडपीठ ने अध्यक्ष नगर पंचायत की अपील को निस्तारित करते हुए दिया.

ये भी पढ़ें- यूपी विधानसभा चुनाव 2022: प्रयागराज में नितिन गडकरी के भाषण के दौरान कुर्सियां हो गयीं खाली

महाराजगंज नगर पंचायत का कहना था कि एकलपीठ ने एक तरफ बर्खास्तगी आदेश रद्द कर नये सिरे से कार्रवाई करने का आदेश दिया और दूसरी तरफ कर्मचारी को सारे लाभ देने का आदेश देकर गलती की है. एकलपीठ ने याची कर्मी को जांच रिपोर्ट न देने व बचाव का मौका न देने पर बर्खास्तगी रद्द कर दी थी. इसको इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए विभागीय कार्रवाई नियमानुसार पूरी करने का आदेश दिया.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्तगी से पहले कर्मचारी को रिपोर्ट की प्रति देकर बचाव करने का मौका न देना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है. महाराजगंज नगर पंचायत ने जांच रिपोर्ट पर कर्मचारी को जवाब दाखिल करने का अवसर न देकर मूलभूत गलती की है.

खंडपीठ ने एकलपीठ के बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर नियोजक को नये सिरे से कार्रवाई करने के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने नगर पंचायत महाराजगंज के अध्यक्ष की तरफ से दाखिल विशेष अपील को निस्तारित करते हुए आदेश दिया है कि कर्मचारी को जांच रिपोर्ट की कापी दें और एक माह की कारण बताओ नोटिस जारी करें. इसके दो हफ्ते में कर्मचारी अपना जवाब दाखिल करे और उसके बाद दो हफ्ते में सुनवाई का मौका देकर आदेश पारित किया जाए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बर्खास्तगी आदेश रद्द किया जा चुका है, इसलिए निर्णय लेने तक कर्मचारी को सेवा के सारे लाभ पाने का हक है. यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति बी आर सिंह की खंडपीठ ने अध्यक्ष नगर पंचायत की अपील को निस्तारित करते हुए दिया.

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महाराजगंज नगर पंचायत का कहना था कि एकलपीठ ने एक तरफ बर्खास्तगी आदेश रद्द कर नये सिरे से कार्रवाई करने का आदेश दिया और दूसरी तरफ कर्मचारी को सारे लाभ देने का आदेश देकर गलती की है. एकलपीठ ने याची कर्मी को जांच रिपोर्ट न देने व बचाव का मौका न देने पर बर्खास्तगी रद्द कर दी थी. इसको इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए विभागीय कार्रवाई नियमानुसार पूरी करने का आदेश दिया.

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