प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बस्ती जिले के कथित धर्मगुरु स्वामी सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है. न्यायमूर्ति एस.सी. शर्मा ने यह आदेश दिए हैं. धर्मगुरु पर आश्रम की साध्वियों से सामूहिक दुराचार करने के आरोप हैं.
याची सच्चिदानंद उर्फ दयानंद का कहना था कि वह 86 साल का बुजुर्ग है. उसपर झूठे आरोप लगाए गए हैं. पीड़िता ने अपने बयान में घटना की तारीख नहीं बताई है. ऐसे ही आरोपों को लेकर कई एफआईआर दर्ज हुए हैं. एक में जमानत मिली है. याची के खिलाफ हत्या और षड्यंत्र के आरोप में दर्ज एफआईआर की विवेचना के बाद उसे निर्दोष पाया गया. 30 जून 2021 से वो जेल में बंद है.
सरकारी वकील का कहना था कि याची धर्मगुरु है और उस पर सामूहिक दुराचार का आरोप है. इससे पहले भी अपराध में सजा मिल चुकी है. उसके खिलाफ अपील लंबित है. सह अभियुक्त पारस चेतनानंद उर्फ पंकज भाई की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. कोर्ट ने आरोप की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
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गौरतलब है कि आश्रम की दो साध्वियों ने याची और पांच सह अभियुक्तों पर उनको धमकाने और सामूहिक दुष्कर्म करने आरोप लगाया था. इस मामले में बस्ती कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं याची ने इस मामले में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
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