ETV Bharat / state

साध्वियों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्वामी सच्चिदानंद की जमानत अर्जी खारिज - न्यायमूर्ति एस सी शर्मा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी कथित धर्मगुरु स्वामी सच्चिदानंद उर्फ दयानंद की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. याची पर दो साध्वियों से सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोप हैं.

Etv Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : Aug 7, 2022, 4:08 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बस्ती जिले के कथित धर्मगुरु स्वामी सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है. न्यायमूर्ति एस.सी. शर्मा ने यह आदेश दिए हैं. धर्मगुरु पर आश्रम की साध्वियों से सामूहिक दुराचार करने के आरोप हैं.

याची सच्चिदानंद उर्फ दयानंद का कहना था कि वह 86 साल का बुजुर्ग है. उसपर झूठे आरोप लगाए गए हैं. पीड़िता ने अपने बयान में घटना की तारीख नहीं बताई है. ऐसे ही आरोपों को लेकर कई एफआईआर दर्ज हुए हैं. एक में जमानत मिली है. याची के खिलाफ हत्या और षड्यंत्र के आरोप में दर्ज एफआईआर की विवेचना के बाद उसे निर्दोष पाया गया. 30 जून 2021 से वो जेल में बंद है.

सरकारी वकील का कहना था कि याची धर्मगुरु है और उस पर सामूहिक दुराचार का आरोप है. इससे पहले भी अपराध में सजा मिल चुकी है. उसके खिलाफ अपील लंबित है. सह अभियुक्त पारस चेतनानंद उर्फ पंकज भाई की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. कोर्ट ने आरोप की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

यह भी पढ़ें- मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

गौरतलब है कि आश्रम की दो साध्वियों ने याची और पांच सह अभियुक्तों पर उनको धमकाने और सामूहिक दुष्कर्म करने आरोप लगाया था. इस मामले में बस्ती कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं याची ने इस मामले में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बस्ती जिले के कथित धर्मगुरु स्वामी सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है. न्यायमूर्ति एस.सी. शर्मा ने यह आदेश दिए हैं. धर्मगुरु पर आश्रम की साध्वियों से सामूहिक दुराचार करने के आरोप हैं.

याची सच्चिदानंद उर्फ दयानंद का कहना था कि वह 86 साल का बुजुर्ग है. उसपर झूठे आरोप लगाए गए हैं. पीड़िता ने अपने बयान में घटना की तारीख नहीं बताई है. ऐसे ही आरोपों को लेकर कई एफआईआर दर्ज हुए हैं. एक में जमानत मिली है. याची के खिलाफ हत्या और षड्यंत्र के आरोप में दर्ज एफआईआर की विवेचना के बाद उसे निर्दोष पाया गया. 30 जून 2021 से वो जेल में बंद है.

सरकारी वकील का कहना था कि याची धर्मगुरु है और उस पर सामूहिक दुराचार का आरोप है. इससे पहले भी अपराध में सजा मिल चुकी है. उसके खिलाफ अपील लंबित है. सह अभियुक्त पारस चेतनानंद उर्फ पंकज भाई की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. कोर्ट ने आरोप की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

यह भी पढ़ें- मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

गौरतलब है कि आश्रम की दो साध्वियों ने याची और पांच सह अभियुक्तों पर उनको धमकाने और सामूहिक दुष्कर्म करने आरोप लगाया था. इस मामले में बस्ती कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं याची ने इस मामले में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.