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प्रयागराज में शिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालु घर ले जाते हैं लाठी, जानिए क्यों - प्रयागराज पाण्डेश्वरनाथ मंदिर

प्रयागराज के पाण्डेश्वरनाथ मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर पौराणिक मान्यता के अनुसार बैजू महाराज की पूजा करने के बाद प्रसाद के रूप में भक्तगण अपने घर लाठी ले जाते हैं.

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लाठी खरीदते श्रद्दालु.
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Published : Feb 21, 2020, 6:35 PM IST

प्रयागराज: जिले के पाण्डेश्वरनाथ मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा अर्चना के बाद प्रसाद के रूप में लाठी अपने घर लेकर जाते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि बैजू महाराज भगवान शिव के उपासक थे और वह रोजाना भगवान शिव की पूजा करने के बाद उन्हें पांच लाठियां मारा करते थे. इससे भगवान शिव प्रसन्न हुए थे. तभी से शिवरात्रि पर यहां प्रसाद के रूप में लाठियां चढ़ाई जाती हैं.

लाठी खरीदते श्रद्दालु.

पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां भगवान शिव से पहले बाबा बैजनाथ की पूजा की जाती है. इसी के तहत शिवरात्रि के अवसर पर पाण्डेश्वरनाथ मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में लाठी की बिक्री की जाती है. एक मलमास में लाठी की दुकान लगाई जाती है जहां श्रद्दालु प्रसाद के रूप में लाठियां खरीदते हैं.

लाठी की दुकान लगाने वाले दुकानदार ने बताया कि यह लाठियां मिर्जापुर और सोनभद्र से मंगाई जाती हैं. जो 100 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की बिकती हैं.

इसे भी पढ़ें-काशी के इस शिवालय का है विशेष महत्व, क्योंकि यहां तिल बराबर बढ़ते हैं भोलेनाथ

प्रयागराज: जिले के पाण्डेश्वरनाथ मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा अर्चना के बाद प्रसाद के रूप में लाठी अपने घर लेकर जाते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि बैजू महाराज भगवान शिव के उपासक थे और वह रोजाना भगवान शिव की पूजा करने के बाद उन्हें पांच लाठियां मारा करते थे. इससे भगवान शिव प्रसन्न हुए थे. तभी से शिवरात्रि पर यहां प्रसाद के रूप में लाठियां चढ़ाई जाती हैं.

लाठी खरीदते श्रद्दालु.

पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां भगवान शिव से पहले बाबा बैजनाथ की पूजा की जाती है. इसी के तहत शिवरात्रि के अवसर पर पाण्डेश्वरनाथ मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में लाठी की बिक्री की जाती है. एक मलमास में लाठी की दुकान लगाई जाती है जहां श्रद्दालु प्रसाद के रूप में लाठियां खरीदते हैं.

लाठी की दुकान लगाने वाले दुकानदार ने बताया कि यह लाठियां मिर्जापुर और सोनभद्र से मंगाई जाती हैं. जो 100 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की बिकती हैं.

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