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प्रयागराज: माघ मेला के अंतिम दिन लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी - faith dip

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में माघ मेले के अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. संगमनगरी में सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुओं का स्नान शुरू हो गया.

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गंगा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.
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Published : Feb 9, 2020, 9:25 AM IST

प्रयागराज: जिले में माघ मेले के अंतिम स्नान पर माघी पूर्णिमा के अवसर पर संगमनगरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. सुबह से ही संगमघाट पर श्रद्धालुओं का स्नान शुरू हो गया. माघी पूर्णिमा स्नान के बाद से श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र से जाना शुरू हो जाएगा. एक माह तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन माघी पूर्णिमा में स्नान के बाद से कल्पवासी अपना कल्पवास समाप्त करेंगे.

गंगा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

दूर-दूर से आये श्रद्धालु
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व को लेकर माघ मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो गया है. सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम में आस्था की डुबकी लगाना शुरू हो गई है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के बाद घाटों पर दान-पुण्य कर रहे हैं.

प्रतापगढ़ जिले से आए अंजनी तिवारी ने बताया कि माघ मेले में स्नान करने के लिए कई वर्षों से आ रहा हूं. माघी पूर्णिमा स्नान पर्व का विशेष महत्व है. इसके साथ ही मैं अपने घर के पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ा रहा हूं.

श्रद्धालु शिवनाथ मिश्रा ने बताया कि प्रयागराज तीर्थों का राजा है. माघ माह में सभी देवताओं का वास संगम में रहता है. इसके साथ माघी पूर्णिमा पर विशेष रूप से देवता संगम में स्नान करते हैं, इसलिए इस दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है.

वहीं गोंडा से आए श्रद्धालु बाबूलाल सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि तीर्थराज प्रयाग में स्नान करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. स्नान पर्व से इसका महत्व और बढ़ जाता है. इसलिए सुबह से श्रद्धालुओं का आगमन होता है.

प्रयागराज: जिले में माघ मेले के अंतिम स्नान पर माघी पूर्णिमा के अवसर पर संगमनगरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. सुबह से ही संगमघाट पर श्रद्धालुओं का स्नान शुरू हो गया. माघी पूर्णिमा स्नान के बाद से श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र से जाना शुरू हो जाएगा. एक माह तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन माघी पूर्णिमा में स्नान के बाद से कल्पवासी अपना कल्पवास समाप्त करेंगे.

गंगा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

दूर-दूर से आये श्रद्धालु
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व को लेकर माघ मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो गया है. सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम में आस्था की डुबकी लगाना शुरू हो गई है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के बाद घाटों पर दान-पुण्य कर रहे हैं.

प्रतापगढ़ जिले से आए अंजनी तिवारी ने बताया कि माघ मेले में स्नान करने के लिए कई वर्षों से आ रहा हूं. माघी पूर्णिमा स्नान पर्व का विशेष महत्व है. इसके साथ ही मैं अपने घर के पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ा रहा हूं.

श्रद्धालु शिवनाथ मिश्रा ने बताया कि प्रयागराज तीर्थों का राजा है. माघ माह में सभी देवताओं का वास संगम में रहता है. इसके साथ माघी पूर्णिमा पर विशेष रूप से देवता संगम में स्नान करते हैं, इसलिए इस दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है.

वहीं गोंडा से आए श्रद्धालु बाबूलाल सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि तीर्थराज प्रयाग में स्नान करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. स्नान पर्व से इसका महत्व और बढ़ जाता है. इसलिए सुबह से श्रद्धालुओं का आगमन होता है.

Intro:प्रयागराज: माघ मेले के अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में संगमनगरी पहुंचे श्रद्धालु, लगाई आस्था की डुबकी

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प्रयागराज: माघ मेले का अंतिम स्नान पर माघी पूर्णिमा के अवसर पर संगमनगरी में लाखों की संख्या श्रद्धालु पहुंचे हैं. सुबह भोर से संगमघाट पर श्रद्धालुओं का स्नान शुरू है. हर कोई गंगा-जमुना में स्नान कर घर के लिए रवाना हो रहे हैं. माघी पूर्णिमा स्नान के बाद से श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र से जाना शुरू हो जाएगा. एक माह लगने वाले सबसे बड़े धार्मिक आयोजन का माघी पूर्णिमा स्नान के बाद से कल्पवासी अपना कल्पवास समाप्त करते हैं. संगमनोज पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाना शुरू है.


Body:दूर-दूर से आये श्रद्धालु

माघी पूर्णिमा स्नान पर्व को लेकर माघ मेले लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो गया है. सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम में आस्था की डुबकी लगाना शुरू है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने बाद घाटों पर दान कर पुण्य कमा रहे हैं.
प्रतापगढ़ से आये अंजनी तिवारी ने बताया कि माघ मेले स्नान करके के लिए कई वर्षों से आ रहा हूँ. माघी पुर्णिमा स्नान पर्व का विशेष महत्व है. इसके साथ मेरे घर के पूर्वजों की परंपरा को आगा बढ़ा रहा हूँ.


Conclusion:तीर्थों का राजा है प्रयागराज

श्रद्धालु शिवनाथ मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रयागराज तीर्थों का राजा है. माघ माह में सभी देवता का वास संगम में रहता है. इसके साथ माघी पूर्णिमा पर विशेष रूप से देवता संगम में स्नान करते हैं, इसलिए इस दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन मे खुशहाली आती है.

गोंडा से आये श्रद्धालु बाबूलाल सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि तीर्थराज प्रयाग में स्नान करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. स्नान पर्व इसका महत्व और बढ़ जाता है. इसलिए सुबह से श्रद्धालुओं का आगमन होता है.

बाईट-1- अंजनी तिवारी, श्रद्धालु
बाईट-2- शिव नाथ तिवारी, श्रद्धालु
बाईट-3- बाबूलाल सोनी, श्रद्धालु

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