प्रयागराज: जिले में माघ मेले के अंतिम स्नान पर माघी पूर्णिमा के अवसर पर संगमनगरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. सुबह से ही संगमघाट पर श्रद्धालुओं का स्नान शुरू हो गया. माघी पूर्णिमा स्नान के बाद से श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र से जाना शुरू हो जाएगा. एक माह तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन माघी पूर्णिमा में स्नान के बाद से कल्पवासी अपना कल्पवास समाप्त करेंगे.
दूर-दूर से आये श्रद्धालु
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व को लेकर माघ मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो गया है. सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम में आस्था की डुबकी लगाना शुरू हो गई है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के बाद घाटों पर दान-पुण्य कर रहे हैं.
प्रतापगढ़ जिले से आए अंजनी तिवारी ने बताया कि माघ मेले में स्नान करने के लिए कई वर्षों से आ रहा हूं. माघी पूर्णिमा स्नान पर्व का विशेष महत्व है. इसके साथ ही मैं अपने घर के पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ा रहा हूं.
श्रद्धालु शिवनाथ मिश्रा ने बताया कि प्रयागराज तीर्थों का राजा है. माघ माह में सभी देवताओं का वास संगम में रहता है. इसके साथ माघी पूर्णिमा पर विशेष रूप से देवता संगम में स्नान करते हैं, इसलिए इस दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है.
वहीं गोंडा से आए श्रद्धालु बाबूलाल सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि तीर्थराज प्रयाग में स्नान करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. स्नान पर्व से इसका महत्व और बढ़ जाता है. इसलिए सुबह से श्रद्धालुओं का आगमन होता है.