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प्रयागराज: सावन के अंतिम सोमवार को हाटकेश्वर नाथ के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सावन के अंतिम सोमवार को भगवान शिव के मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक करने वालों की भीड़ बरकरार रही. वहीं लोगों ने हाटकेश्वर नाथ के दर्शन कर भगवान शिव से आशीर्वाद मांगा.

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Published : Aug 12, 2019, 2:52 PM IST

भगवान शिव के मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा.

प्रयागराज: सावन के अंतिम सोमवार को हर कोई सुबह से ही भगवान शिव के मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक कर रहा है. भोले बाबा के मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है. हर तरफ बम-बम भोले का जयकारा लगाते हुए कांवड़िये शिव दरबार पहुंच रहे हैं.

जानकारी देते मंदिर के पुजारी.

पढ़ें-गोरखपुर: मंदिर परिसर में पूजा करने पहुंचे जवान से मारपीट, लूटी पिस्टल

  • प्रयागराज जीरो रोड स्थित हाटकेश्वर नाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जमा है.
  • 150 साल पुराने हाटकेश्वर नाथ मंदिर का पुराना इतिहास है.
  • मान्यता है कि सावन माह में हाटकेश्वर नाथ के दर्शन करने से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण होता है.
  • मंदिर में दूर-दूर से भक्तगण आते हैं और भगवान शिव को जल अर्पित कर पूजा-पाठ करते हैं.

गुजराती नागर ब्राह्मणों ने स्थापित किया था मंदिर-

  • पुजारी हरीश चंद्र तिवारी बताते हैं कि मंदिर 150 साल पुराना है.
  • जिले में गुजराती नागर ब्राम्हणों के द्वारा भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को स्थापित किया गया था.
  • तभी से यह मंदिर हाटकेश्वर नाथ के नाम से जाना जाने लगा.
  • पूरे जिले में हाटकेश्वर नाथ भगवान का सिर्फ एक ही मंदिर है.
  • बसंत पंचमी को और सावन माह में पूरे विधि-विधान से भगवान हाटकेश्वर नाथ की पूजा-पाठ की जाती है.
  • श्रद्धालुओं की ऐसी मान्यता है कि उनकी मनोकामना को भगवान हाटकेश्वर नाथ पूरा करते हैं.

पढ़ें:- हापुड़: पूजा स्थल पर गिरते-गिरते बचीं बांसुरी स्वराज

आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु हाटकेश्वर नाथ मंदिर आकर भगवान शिव की पूजा-पाठ करते हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मनोकामना निश्चित रूप से पूरा होती है. कुंभ और माघ मेले के समय बाहर से आने वाले भक्तों की मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ जमा रहती है. सावन माह में भी भक्तगण आते हैं और हाटकेश्वर नाथ महराज को बेल पत्र, धतूरा और दुग्धाभिषेक कर पूजा-अर्चना करते हैं.
-हरीश चंद्र, पुजारी

प्रयागराज: सावन के अंतिम सोमवार को हर कोई सुबह से ही भगवान शिव के मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक कर रहा है. भोले बाबा के मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है. हर तरफ बम-बम भोले का जयकारा लगाते हुए कांवड़िये शिव दरबार पहुंच रहे हैं.

जानकारी देते मंदिर के पुजारी.

पढ़ें-गोरखपुर: मंदिर परिसर में पूजा करने पहुंचे जवान से मारपीट, लूटी पिस्टल

  • प्रयागराज जीरो रोड स्थित हाटकेश्वर नाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जमा है.
  • 150 साल पुराने हाटकेश्वर नाथ मंदिर का पुराना इतिहास है.
  • मान्यता है कि सावन माह में हाटकेश्वर नाथ के दर्शन करने से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण होता है.
  • मंदिर में दूर-दूर से भक्तगण आते हैं और भगवान शिव को जल अर्पित कर पूजा-पाठ करते हैं.

गुजराती नागर ब्राह्मणों ने स्थापित किया था मंदिर-

  • पुजारी हरीश चंद्र तिवारी बताते हैं कि मंदिर 150 साल पुराना है.
  • जिले में गुजराती नागर ब्राम्हणों के द्वारा भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को स्थापित किया गया था.
  • तभी से यह मंदिर हाटकेश्वर नाथ के नाम से जाना जाने लगा.
  • पूरे जिले में हाटकेश्वर नाथ भगवान का सिर्फ एक ही मंदिर है.
  • बसंत पंचमी को और सावन माह में पूरे विधि-विधान से भगवान हाटकेश्वर नाथ की पूजा-पाठ की जाती है.
  • श्रद्धालुओं की ऐसी मान्यता है कि उनकी मनोकामना को भगवान हाटकेश्वर नाथ पूरा करते हैं.

पढ़ें:- हापुड़: पूजा स्थल पर गिरते-गिरते बचीं बांसुरी स्वराज

आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु हाटकेश्वर नाथ मंदिर आकर भगवान शिव की पूजा-पाठ करते हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मनोकामना निश्चित रूप से पूरा होती है. कुंभ और माघ मेले के समय बाहर से आने वाले भक्तों की मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ जमा रहती है. सावन माह में भी भक्तगण आते हैं और हाटकेश्वर नाथ महराज को बेल पत्र, धतूरा और दुग्धाभिषेक कर पूजा-अर्चना करते हैं.
-हरीश चंद्र, पुजारी

Intro:प्रयागराज: 150 वर्ष पुराना है हाटकेश्वर नाथ मंदिर, सावन में दर्शन करने से शारीरिक कष्टों से दूर होते हैं श्रद्धालु

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सुमित यादव

प्रयागराज: सावन के चौथे सोमवार को हर कोई सुबह से ही भगवान शिव के मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक कर रहा है. भोले बाबा के मंदिर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुया है. हर तरफ बम-बम भोले का जयकारा लगाते हुए कावरिया शिव दरबार पहुंच रहे हैं. प्रयागराज ज़ीरो रोड स्थित हाटकेश्वर नाथ मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ जमा है. 150 साल पुराने इस मंदिर का पुराना इतिहास है. मंदिर की मान्यता है यहां सावन माह में।हाटकेश्वर नाथ के दर्शन करने से भक्तों शरीर,परिवारिक और मानसिक रूप से कष्टों का निवारण होता है. मंदिर में दूर-दूर से भक्तगण आते हैं और भगवान शिव को जल अर्पित कर पूजा पाठ करते हैं.


Body:गुजराती नागर ब्राह्मणों ने स्थापित किया था मंदिर

मंदिर के पुजारी हरीश चंद्र तिवारी बताते हैं कि 150 साल पहले प्रयागराज में गुजराती नागर ब्राम्हणों के द्वारा विधि विधान से पूजा-पाठ कर भगवान शिव के शिवलिंग को स्थापित किया गया था. तभी से इस मंदिर का नाम हाटकेश्वर नाथ के नाम से जाना जाने लगा है. पूरे जनपद हाटकेश्वर नाथ भगवान की सिर्फ एक ही मंदिर है. बसंत पंचमी को और सावन माह पूरे एक माह पूरे विधि विधान भगवान हाटकेश्वर नाथ की पूजा पाठ होती है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं का जो भी मान्यता होती है उसे भगवान हाटकेश्वर नाथ पूरा करते हैं.




Conclusion:देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालु

पुजारी हरीश चंद्र का ने बताया कि प्रयागराज आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु हाटकेश्वर नाथ मंदिर आकर भगवान शिव की पूजा पाठ करते हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मनोकामना निश्चित रूप से पूर्व होती है. कुंभ और माघ मेले के समय बाहर से आने वाले भक्तों का मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ जमा रहती है. सावन माह में भी पूरे माह भक्तगण आते हैं और हाटकेश्वर नाथ महराज को बेल पत्र,धतूरा और दुग्धाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं. आज सावन के आखिरी सोमवार है इसलिए सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर लगी है.

बाईट- हरीश चंद्र तिवारी, पुजारी
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