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प्रयागराज: मां कल्याणी के दर्शन को लगा भक्तों का तांता, चढ़ा एक कुंतल हलवा

यूपी के प्रयागराज में रविवार को शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. अष्टमी के दिन माता का श्रृंगार स्वर्ण के आभूषणों से किया गया. इसी दिन भक्तों ने माता को एक कुंतल हलवे का भोग लगाया.

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Published : Oct 6, 2019, 7:24 PM IST

शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर

प्रयागराज: सिद्ध पीठ और देवी के अन्य मंदिरों के आसपास के क्षेत्र में रविवार सुबह से ही मंगला आरती और महाआरती गूंजने लगी है. शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में भक्तों ने जयकारा लगाते हुए मां को ध्वजा पताका और निशान चढ़ाया.

मां कल्याणी के दर्शन को लगा भक्तों का तांता.

एक कुंतल हलवे का लगाया भोग
प्रयागराज के शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में सुबह से ही भक्त कतारों में लगकर मां के दर्शन का इंतजार करते रहे. शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में माता के रूप को स्वर्ण आभूषण से सजाया गया था. भक्तों ने जयकारा लगाते हुए मां को ध्वजा पताका और निशान भी चढ़ाया. शारदी नवरात्र के आठवें दिन शक्ति के अष्टम स्वरूप माता महागौरी की उपासना की जाती है.

वृषभ वाहिनी के रूप में माता दर्शन देती हैं. मान्यता है कि आठ वर्ष की आयु वाली भगवती ने तपस्या के द्वारा भगवान शिव को प्राप्त किया. इनका ध्यान स्मरण पूजन भक्तों के लिए कल्याणकारी होता है. इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां मिलती हैं. आज भक्तों ने माता को एक कुंतल हलवे का भोग लगाया. साथ ही कन्या को भोज करा कर माता से वरदान भी मांगा.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: समय के साथ आधुनिक होता जा रहा ऐतिहासिक धार्मिक रामलीला मंचन

अष्टमी पर मां का स्वर्ण आभूषण से किया गया श्रृंगार लोगों को काफी लुभाता है. यहां पर 9 दिन तक भंडारे का भी आयोजन होता है. दुर्गा अष्टमी के दिन लोगों ने पूजन अर्चन के साथ कन्या भोग भी कराया.
-पंडित सुशील पाठक, आचार्य

प्रयागराज: सिद्ध पीठ और देवी के अन्य मंदिरों के आसपास के क्षेत्र में रविवार सुबह से ही मंगला आरती और महाआरती गूंजने लगी है. शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में भक्तों ने जयकारा लगाते हुए मां को ध्वजा पताका और निशान चढ़ाया.

मां कल्याणी के दर्शन को लगा भक्तों का तांता.

एक कुंतल हलवे का लगाया भोग
प्रयागराज के शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में सुबह से ही भक्त कतारों में लगकर मां के दर्शन का इंतजार करते रहे. शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में माता के रूप को स्वर्ण आभूषण से सजाया गया था. भक्तों ने जयकारा लगाते हुए मां को ध्वजा पताका और निशान भी चढ़ाया. शारदी नवरात्र के आठवें दिन शक्ति के अष्टम स्वरूप माता महागौरी की उपासना की जाती है.

वृषभ वाहिनी के रूप में माता दर्शन देती हैं. मान्यता है कि आठ वर्ष की आयु वाली भगवती ने तपस्या के द्वारा भगवान शिव को प्राप्त किया. इनका ध्यान स्मरण पूजन भक्तों के लिए कल्याणकारी होता है. इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां मिलती हैं. आज भक्तों ने माता को एक कुंतल हलवे का भोग लगाया. साथ ही कन्या को भोज करा कर माता से वरदान भी मांगा.

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अष्टमी पर मां का स्वर्ण आभूषण से किया गया श्रृंगार लोगों को काफी लुभाता है. यहां पर 9 दिन तक भंडारे का भी आयोजन होता है. दुर्गा अष्टमी के दिन लोगों ने पूजन अर्चन के साथ कन्या भोग भी कराया.
-पंडित सुशील पाठक, आचार्य

Intro:: दुर्गा अष्टमी के दिन मां कल्याणी के दर्शन को भक्तों का लगा ताता मांगी मुरादे!
ritesh singh
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सिद्ध पीठ और देवी के अन्य मंदिरों में सुबह के समय मंगला आरती महाआरती जयकारों से आसपास के क्षेत्र में गूंज उठी रही! शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में भक्तों ने जयकारा लगाते हुए मां को ध्वजा पताका और निशान भी चढ़ाया! अष्टमी पर मां का सिंगार स्वर्ण आभूषण से किया जाता है एक कुंतल हलवे का भोग भी लगाया गया साथ ही भक्तों ने कन्या को भोज करा कर माता से वरदान मांगा!


Body:मौका हो दुर्गा अष्टमी का और भक्त यह मौका छोड़ दें यह संभव नहीं है !सुबह भोर से ही यहां भक्त कतारों में लगकर मां के दर्शन का इंतजार करते रहे ! और जब बारी आई तो मां से अरदास लगाते हुए अगले नवरात्र पर आने की प्रार्थना की !शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में माता के रूप को स्वर्ण आभूषण से सजाया गया था !भक्तों ने जयकारा लगाते हुए मां को ध्वजा पताका और निशान भी चढ़ाया! अचार पंडित सुशील पाठक ने बताया कि अष्टमी पर मां का स्वर्ण आभूषण से किया गया सिंगार लोगों को काफी लुभाता है! यहां पर 9 दिन तक भंडारे का भी आयोजन होता है !दुर्गा अष्टमी के दिन लोगों ने पूजन अर्चन के साथ कन्या भोग भी कराया! शारदी नवरात्र के आठवें दिन शक्ति के अष्टम स्वरूप माता महागौरी की उपासना की जाती है! वृषभ वाहिनी के रूप में माता दर्शन देती हैं! मान्यता है कि 8 वर्ष की आयु वाली भगवती ने तपस्या के द्वारा भगवान शिव को प्राप्त किया !इनका ध्यान स्मरण पूजन भक्तों के लिए कल्याणकारी है! इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां मिलती हैं!

बाइट ---- पंडित सुशील पाठक (आचार्य)
बाइट --- श्रद्धालू


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