प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट 25 सितंबर को फैसला सुनाएगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने मुख्तार अंसारी के वकील उपेंद्र उपाध्याय और सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को सुनकर दिया है. वहीं, मुख्तार के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी पर बुधवार को समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी.
10 वर्ष कैद की सजा के खिलाफ दाखिल है अपील : मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए से गैंगस्टर एक्ट के मामले में मिली 10 वर्ष कैद की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है. स्पेशल कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में गत 29 अप्रैल को मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए 10 साल कारावास की सजा सुनाई थी. जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि मुख्तार 12 साल चार महीने से जेल में बंद है. उनका कहना था कि मुख्तार को जितनी सजा सुनाई गई है, वह उससे ज्यादा ट्रायल के दौरान भुगत चुके हैं. कोर्ट ने इस मामले में बांदा जेल अधीक्षक से रिपोर्ट भी मांगी थी.गौरतलब है कि इसी मामले में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को पहले ही जमानत मिल चुकी है. अफजाल को चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी, जिससे उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी.
उमर ने दाखिल की है अग्रिम जमानत की अर्जी : इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी पर बुधवार को समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. उमर अंसारी ने मऊ में विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है. मामले के तथ्यों के अनुसार उमर अंसारी ने मंच से प्रशासन को विधानसभा चुनाव बाद ठीक किए जाने की धमकी दी थी. धमकी को लेकर मऊ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था. उमर अंसारी इस मामले में फरार है.
यह भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी के तीन सहयोगियों के घरों पर डुगडुगी पीटकर कुर्की का नोटिस चस्पा