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प्रयागराज मंडी परिषद में अफसरों-बाबुओं ने किया खेल, ढाई करोड़ के घोटाले में चार पर मुकदमा

प्रयागराज में मंडी परिषद के निर्माण खंड के क्षेत्रीय कार्यालय में करीब ढाई करोड़ का घोटाला किया गया. तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने छानबीन शुरू की तो परत दर परत खुलती गई. इस मामले में चार कर्मचारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. क्या है घोटाले की पूरी कहानी, यहां जानिए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 21, 2023, 8:59 PM IST

प्रयागराज : राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के निर्माण खंड के क्षेत्रीय कार्यालय में 2 करोड़ 44 लाख 37 हजार रुपये के गबन का मामला सामने आया है. इस घोटाले में सहायक उप निदेशक प्रशासन कुलभूषण वर्मा ने प्रभारी उप निदेशक निर्माण, दो लेखा अधिकारियों और एक वरिष्ठ सहायक पर धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने मामले में विवेचना शुरू कर दी है. घोटाला सामने आने के बाद अगस्त में एक जांच कमेटी बनाई गई थी. कमेटी की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई.

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मंडी परिषद घोटाला

टेंडर मद की धनराशि की हेरफेर : मंडी परिषद के सहायक उपनिदेशक प्रशासन कुलभूषण के मुताबिक प्रभारी उपनिदेशक निर्माण रवेंद्र सिंह, लेखा और संपरीक्षा अधिकारी संजीव कुमार गंगवार, मैकू लाल, वरिष्ठ लिपिक मनजीत सिंह ने वित्तीय वर्ष 2021 से 23 के बीच टेंडर मद की धनराशि और अन्य मदों से दो करोड़ 44 लाख 37 हजार 327 रुपये का हेरफेर किया है. जानकारी सामने आने के बाद मंडी परिषद की तरफ से आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया. इसके बाद निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने 8 अगस्त को तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन सहायक उपनिदेशक प्रशासन की अध्यक्षता में कर दिया. जांच समिति में वरिष्ठ लेखाधिकारी मुख्यालय सदस्य बीके अग्रवाल और उपनिदेशक मुख्यालय अनुश्रवण पंकज कुमार गुप्ता सदस्य के तौर पर शामिल किए गए. समिति ने अपनी जांच में सभी को घोटाले का दोषी पाया. जांच समिति ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट बनाकर डायरेक्टर अंजनी कुमार सिंह को सौंप दी. इसमें से मैकू लाल अब सेवानिवृत हो चुके हैं. जबकि मंजीत सिंह प्रयागराज में 12 जुलाई 2022 तक कार्यरत रहे और फिलहाल निर्माण खंड झांसी में तैनात हैं.

पत्नी और उसकी फर्म के खाते में जमा की धनराशि : जांच समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि वरिष्ठ लिपिक मनजीत सिंह ने गबन की धनराशि अपनी पत्नी श्रद्धा सिंह और उसकी फर्म प्रिया ऑटोमोबाइल और अन्य में के खाते में जमा की. इस रिपोर्ट के आधार पर ही निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने 14 सितंबर को सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया. सहायक उपनिदेशक प्रशासन कुलभूषण ने बताया कि निदेशक के आदेश के अनुपालन में चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है. धूमनगंज थाने में आईपीसी की धारा 420, 408 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले की विवेचना इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य कर रहे हैं.

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मंडी परिषद घोटाला

टेंडर मद की धनराशि की हेरफेर : मंडी परिषद के सहायक उपनिदेशक प्रशासन कुलभूषण के मुताबिक प्रभारी उपनिदेशक निर्माण रवेंद्र सिंह, लेखा और संपरीक्षा अधिकारी संजीव कुमार गंगवार, मैकू लाल, वरिष्ठ लिपिक मनजीत सिंह ने वित्तीय वर्ष 2021 से 23 के बीच टेंडर मद की धनराशि और अन्य मदों से दो करोड़ 44 लाख 37 हजार 327 रुपये का हेरफेर किया है. जानकारी सामने आने के बाद मंडी परिषद की तरफ से आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया. इसके बाद निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने 8 अगस्त को तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन सहायक उपनिदेशक प्रशासन की अध्यक्षता में कर दिया. जांच समिति में वरिष्ठ लेखाधिकारी मुख्यालय सदस्य बीके अग्रवाल और उपनिदेशक मुख्यालय अनुश्रवण पंकज कुमार गुप्ता सदस्य के तौर पर शामिल किए गए. समिति ने अपनी जांच में सभी को घोटाले का दोषी पाया. जांच समिति ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट बनाकर डायरेक्टर अंजनी कुमार सिंह को सौंप दी. इसमें से मैकू लाल अब सेवानिवृत हो चुके हैं. जबकि मंजीत सिंह प्रयागराज में 12 जुलाई 2022 तक कार्यरत रहे और फिलहाल निर्माण खंड झांसी में तैनात हैं.

पत्नी और उसकी फर्म के खाते में जमा की धनराशि : जांच समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि वरिष्ठ लिपिक मनजीत सिंह ने गबन की धनराशि अपनी पत्नी श्रद्धा सिंह और उसकी फर्म प्रिया ऑटोमोबाइल और अन्य में के खाते में जमा की. इस रिपोर्ट के आधार पर ही निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने 14 सितंबर को सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया. सहायक उपनिदेशक प्रशासन कुलभूषण ने बताया कि निदेशक के आदेश के अनुपालन में चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है. धूमनगंज थाने में आईपीसी की धारा 420, 408 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले की विवेचना इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य कर रहे हैं.

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