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Allahabad High Court : अतीक के बेटे अली अहमद की जमानत मंजूर

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Published : Feb 20, 2023, 9:04 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की जानलेवा हमले के एक मामले में जमानत मंजूर कर ली है.

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अली अहमद

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहमदाबाद जेल में बंद अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की जानलेवा हमले के एक मामले में जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने अली अहमद के अधिवक्ता शेषाद्रि त्रिवेदी, शादाब अली, खान सौलत हनीफ, रवींद्र शर्मा एवं नायाब अहमद खान और सरकारी वकील को सुनकर दिया है.

पुरामुफ्ती थाने के इस मामले के तथ्यों के अनुसार मो. जिशान ने अली अहमद व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि अली व तमंचा पिस्तौल से लैस उसके साथियों फैसल, असाद कछोली, अमन, इमरान, गोलू व मैसर ने गत 26 जुलाई को मंदरी में फनगांव के पास जान से मारने की नीयत से फायर किए. जिशान ने पेड़ की आड़ में छिपकर जान बचाई. उसका आरोप है कि उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही थी. एफआईआर में अतीक अहमद को भी नामजद किया गया है.

बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उसके खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा गलत है तथा उसे फंसाने की नियत से दर्ज कराया गया है. उसके विरुद्ध कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं. मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अली अहमद को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

पढ़ेंः सीएम योगी की तारीफ नहीं आई काम, अतीक अहमद की 123 करोड़ की संपत्ति कुर्क

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहमदाबाद जेल में बंद अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की जानलेवा हमले के एक मामले में जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने अली अहमद के अधिवक्ता शेषाद्रि त्रिवेदी, शादाब अली, खान सौलत हनीफ, रवींद्र शर्मा एवं नायाब अहमद खान और सरकारी वकील को सुनकर दिया है.

पुरामुफ्ती थाने के इस मामले के तथ्यों के अनुसार मो. जिशान ने अली अहमद व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि अली व तमंचा पिस्तौल से लैस उसके साथियों फैसल, असाद कछोली, अमन, इमरान, गोलू व मैसर ने गत 26 जुलाई को मंदरी में फनगांव के पास जान से मारने की नीयत से फायर किए. जिशान ने पेड़ की आड़ में छिपकर जान बचाई. उसका आरोप है कि उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही थी. एफआईआर में अतीक अहमद को भी नामजद किया गया है.

बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उसके खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा गलत है तथा उसे फंसाने की नियत से दर्ज कराया गया है. उसके विरुद्ध कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं. मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अली अहमद को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

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