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प्रयागराज: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ मुकदमा समाप्त, ऐसे मिली राहत

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Published : Oct 30, 2020, 3:31 AM IST

यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चल रहा धोखाधड़ी का मुकदमा समाप्त हो गया है. एमपी, एमएलए स्पेशल कोर्ट ने शासन की तरफ से दी गई मुकदमा वापसी की अर्जी स्वीकार कर ली है.

केशव मौर्य पर चल रहा मुकदमा समाप्त.
केशव मौर्य पर चल रहा मुकदमा समाप्त.

प्रयागराज: इलाहाबाद न्यायालय की विशेष जज एमपी/एमएलए कोर्ट ने वर्तमान सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और उनके 8 साथियों के खिलाफ 2008 से चल रहे धोखाधड़ी के मुकद्दमे को वापस ले लिया है. इसकी वजह से उपमुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों को मुकदमे से दोष मुक्त कर दिया गया है. यह आदेश जिला न्यायालय को एमपी एमएलए कोर्ट ने दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता एसएन नाशीम.

यह था पूरा मामला
25 अगस्त 2008 को जनपद कौशाम्बी के मोहब्बतपुर पैंसा थाना के प्रभारी चंद्र शेखर प्रसाद ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी, कि केशव प्रसाद मौर्या, राधेश्याम, अनिल दुबे, अशोक मौर्य, राम खेलावन, रमेश चंद्र, विनोद पटेल, विद्वान गोस्वामी, राम लोटन, श्याम प्रसाद ने मां दुर्गा कमेटी नाम से फर्जी संस्था बनाकर चंदा वसूला और दुर्गा प्रतिमा स्थापित कराने का आयोजन कराने लगे. इस मामले में जांच में पाया गया कि संस्था फर्जी है. तभी उनके विरुद्ध 420, 467, 468, 471 आईपीसी में मुकद्दमा दर्ज किया गया. इसमें सभी आरोपी जमानत पर थे. 15 नवम्बर 2018 को तत्कालीन सरकार ने शासनादेश जारी कर "न्यायहित व जनहित" में मुकद्दमा वापस लेने का आदेश जारी किया.

न्यायालय ने किया दोष मुक्त
इसके अनुपालन में जिलाधिकारी कौशाम्बी के पत्र पर अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने धारा 321 दण्ड प्रक्रिया संहिता में वाद वापसी के लिए विशेष जज एमपी एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जिसे विशेष जज डॉ. बाल मुकुंद ने स्वीकार कर लिया. इससे सभी आरोपी दोष मुक्त हो गए. मामले में सभी आरोपियों को न्यायालय ने दोष मुक्त कर दिया.

प्रयागराज: इलाहाबाद न्यायालय की विशेष जज एमपी/एमएलए कोर्ट ने वर्तमान सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और उनके 8 साथियों के खिलाफ 2008 से चल रहे धोखाधड़ी के मुकद्दमे को वापस ले लिया है. इसकी वजह से उपमुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों को मुकदमे से दोष मुक्त कर दिया गया है. यह आदेश जिला न्यायालय को एमपी एमएलए कोर्ट ने दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता एसएन नाशीम.

यह था पूरा मामला
25 अगस्त 2008 को जनपद कौशाम्बी के मोहब्बतपुर पैंसा थाना के प्रभारी चंद्र शेखर प्रसाद ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी, कि केशव प्रसाद मौर्या, राधेश्याम, अनिल दुबे, अशोक मौर्य, राम खेलावन, रमेश चंद्र, विनोद पटेल, विद्वान गोस्वामी, राम लोटन, श्याम प्रसाद ने मां दुर्गा कमेटी नाम से फर्जी संस्था बनाकर चंदा वसूला और दुर्गा प्रतिमा स्थापित कराने का आयोजन कराने लगे. इस मामले में जांच में पाया गया कि संस्था फर्जी है. तभी उनके विरुद्ध 420, 467, 468, 471 आईपीसी में मुकद्दमा दर्ज किया गया. इसमें सभी आरोपी जमानत पर थे. 15 नवम्बर 2018 को तत्कालीन सरकार ने शासनादेश जारी कर "न्यायहित व जनहित" में मुकद्दमा वापस लेने का आदेश जारी किया.

न्यायालय ने किया दोष मुक्त
इसके अनुपालन में जिलाधिकारी कौशाम्बी के पत्र पर अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने धारा 321 दण्ड प्रक्रिया संहिता में वाद वापसी के लिए विशेष जज एमपी एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जिसे विशेष जज डॉ. बाल मुकुंद ने स्वीकार कर लिया. इससे सभी आरोपी दोष मुक्त हो गए. मामले में सभी आरोपियों को न्यायालय ने दोष मुक्त कर दिया.

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